मन का आंगन Courtyard of mind
पल पल कुछनया उगा लाताहै यह मनसरपट नदी पहाड़जाने कहां-कहांउछलता कूदतामस्त पवनसुतबन डोलता रहातादिन चांदनीसे होने लगतेमयूर नृत्य करतापंजों के बल चलकरनृत्य की प्रस्तुतिदेता थका नहीं हैदौड़ लगाते-लगातेरफ्तार बदल लेताकभी … Read More