रास्ते-वास्ते

बहारें खुशबू मेंयह कैसीमहक भरीसब परजादू की यहकैसी छड़ी चलीआँखों में बसने लगेप्यार के कस्बेअनजाने मेंछोड़ गयाकोई प्रीति के किस्सेडगर- डगरयूं मचलताक्यों भटक रहा मनहर जगहलगने लगे हैंप्यार के मेलेबिना प्यार … Read More

समर्पण की गूंज

मस्तिष्क मैं सोच का बवंडर उठ रहा है। हम कितने अनुभवहीन होते हैं, जीवन का अनुभव लेकर नहीं आते, आने वाली घटनाओं का अनुभव नहीं होता, हम बेटा बेटी या … Read More

ग़ज़ल

सब्र का मीठा फल निकलेगा,जब मिलने का पल निकलेगा । सोना जिसको हम समझे थे,वो खोटा पीतल निकलेगा । धोका उसकी फितरत में है,सम्हलो वह तो छल निकलेगा । रहबर … Read More

परिधियों से परे

“तुमसे कितनी बार कहा है, तुम चली जाओ पार्टी में, मैं तुम्हारे साथ नहीं जा सकता”…प्रभास झल्ला पड़ा। “क्यों’… क्या मेरी सफलता तुम्हें चुभने लगी।” “मुझे क्यों चुभेगी, मैं कोई … Read More

Renuka Bhabhee रेणुका भाभी

“अरे रेणुका, तेरी ननद के ससुराल में कुछ गड़बड़ चल रही है, हो सकता है कि वे तेरी ननद को छोड़ने की तैयारी भी करे।” “तुम्हें, कैसे पता राधा?” “मेरी … Read More