अभिव्यक्ति का प्रतिबिंब “फ़रिश्ता”
दिन बुधवार 10 जून 2015 को चरवाडा स्टेशन, लखनऊ से काठगोदाम एक्सप्रेस पर सवार हुआ। जाना था दिनांक 12 13 एवं 14 जून 2015 को को कोसानी में आयोजित बाल … Read More
दिन बुधवार 10 जून 2015 को चरवाडा स्टेशन, लखनऊ से काठगोदाम एक्सप्रेस पर सवार हुआ। जाना था दिनांक 12 13 एवं 14 जून 2015 को को कोसानी में आयोजित बाल … Read More
युग के बदलते दौर मेंपीढ़ी दर पीढ़ी बदलीदेखी नये युग की रीतपुराना पीछे छूट ही गयासब कुछ नया रच जो दियालेकिन सावन वैसा ही हैजैसा मां, दादी,परदादी का थावही हवा … Read More
मन में वृन्दावन बस जातेजब यौवन द्वार खटखटातेतन मन बेहद शौर मचातेगाते रोते मन धमकातेविरह अग्नि में ही जल जातेमन में चाहत के गांव आ बसतेफिर क्यों इतना साजन सतातेमन … Read More
कुछ पाने खोनेके खेल मेंतमाम उम्र लगा दीजोड़ घटा करबचा रखे जोकुछ पलसाजिश से रचीचतुर चालफिर धोखे नेकुछ बेईमानीनिगल लीसब कुछ ठीक किचाह लिए रहेसब भूलचूक गए गिनतीसांसों कीकितनी है … Read More
बसंती रंग मुझे है भायेजब भी आये सदा हंसाएफागुन की फुहार में साजनयाद बहुत बहुत तुम आये। बन जाये गर बात बतायेविश्वास पर भी राज छुपायेकरते हरदम ही मजबूरकैसे तुझसे … Read More