ग़ज़ल
मुरादों में शामिल खुदाई रखा कर,
सदा दिल में अपने भलाई रखा कर।
झड़ी ख्वाइशों की लगी ज़िंदगी में,
बच कर कोई रहनुमाई रख कर ।
छला है बहुत ही ज़माने ने मुझको,
मेरे नाम पर ना बुराई रख कर ।
ज़रा हौसला भी रखा कीजियेगा,
न हर पल लबों पे दुहाई रखा कर।
कमी जब नहीं कुछ भी अपनों की जंग में,
कोई चीज़ भी मत पराई रख कर ।
कभी दूरियों से न घबराओ मितवा,
मिलन आस दिल में समाई रखा कर।
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