कब

पूछा तो गया थापर बता न सकीमन के छोटे-से आँगन मेंबहुत गहरा है सागरजब हिलौरें लेता हैं न,नींव ही हिला देता है मेरे अस्तित्व की। अन्दर सब उजड़ जाता हैकहाँ … Read More

जाये कहा

वह जोगनथी प्यार कीखिलती बगियाकितनों ने तोड़ेभावनाओं केअनगिनत फूलहर भाव केटूटने परबिखर जातामन का बागगले से उतरकरकडवा सा कुछसरक जाता हैभीतरजहाँ मचा हैअफसोस कादलदलपीर की सीमाचूक रही हैकहाँ जाकरउड़ेल आएइस … Read More

आसमान बुनती औरतें

अंतिम भाग (162) विनय इतना कुछ कहने के बाद खामोश हो गया था कुछ राहत महसूस कर रहा है और हर्षा भी अपने ख्यालों में खोई हुई है। लेकिन दोनों … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (161) “आप क्या सोचने लगे सर ? इतनी गंभीरता, मेरी बात का बुरा लगा सॉरी सर, मैंने आपको इस अंदाज में कभी बात करते नहीं सुना इसलिए यह रिएक्शन … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (160) विनय हर्षा के चेहरे पर ढेर सारी खुशियों भरी मुस्कुराहट और हँसी कि आवाज को अपने अंदर समाहित करता रहा, उसने भी तो हर्षा को कभी इस तरह … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (157) “ज्यादा सोच समझ के चक्कर में अक्सर युवा चुंकि अनुभवहीन होता है और उसे यह जानकारी ही नहीं होती कि परिवार को कब और कैसे शुरू करना है … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (155) विनय अपनी ही उधेड़बुन में व्यस्त हैं हर्षा को इस रूप को देखकर वह आश्चर्य में है हर्षा बहुत खूबसूरत है, मन की सुंदरता पहले ही पहचान गया … Read More