पत्थर नहीं दिल है

भाग 4 इस एक महीने में जितना त्रिवेणी ने अपने विषय में सोचा है उतना तो उसने अपने होश सम्हालने के बाद आज तक नहीं सोचा और नतीजा यह निकला … Read More

पत्थर नहीं दिल हैं

भाग 1 किसके लिए जी रही है, कौन है तेरा, जिसको अपना माना, छोड़ गया, जिसे दिल ने चाहने का भरपूर प्रयास कर रही है वह आत्मा को धिक्कारने से … Read More

ग़ज़ल

गुजरेगा कठिन दौर जरा देर लगेगी,आएगी सुखद भोर जरा देर लगेगी। मुलजिम समझ के उसको गिरफ्तार किया है,खोजो खता का छोर जरा देर लगेगी। बिखेरी हैं हर तरफ ही आपदाएँ … Read More

जय हो जटाकाली

सुदूर ग्रामीण तलहटी क्षेत्र मेंविराजी विघ्नहर्ता शान सेराह बनाती, रक्षा करतीकच्चे पक्के पहाड़ सेनागिन सी बल खाती राहेमोड़ पर डराते चलती शान सेसूरज तपता कोशिश करतादूर ही रहता धरा के … Read More

पलाश रंगने चले

फागुन ने जबली अंगड़ाईघर आंगनमहके चहकेगलियाँ चौपालताल तलैयाझांझ मंजीराहुरियारे गाते बतियानेपंगडंडी राह निहारेआये मस्तानोंकी टोलीझूम झूमकरलहरातीबरगद कीटेहनी निगोड़ीकरलव करतेमौन हुए हैंउसमें रहतेसब पक्षीलाल रंग केरहस्य से चुप होदुबकी सहमी जोड़ीअलवेली … Read More

ग़ज़ल

बड़ी बात थी वह बताई हुई,हकीकत है फिर भी छुपाई हुई। बहुत याद आती है हरदम तेरी,अरे कल ही तो है सगाई हुई। दरख़्तों को बरखा ने दी पुख्तगी,खिले फूल … Read More