आसमान बुनती औरतें
भाग (78) दिन भर हर्षा का ध्यान इसी बात में लगा रहा किस तरह शाम को विनय से बात करें सोच-सोच के थक गई तो सोचना बंद कर दिया, जो … Read More
भाग (78) दिन भर हर्षा का ध्यान इसी बात में लगा रहा किस तरह शाम को विनय से बात करें सोच-सोच के थक गई तो सोचना बंद कर दिया, जो … Read More
भाग (77) “यह बात ठीक है सर, मैं जवाब दूँगी लेकिन आज शाम को आप घर आइए मैं वही जवाब देती हूँ,”… हर्षा ने भी अपनी बात कह दी। अरे … Read More
भाग (76) इन सब बातों के बीच हर्षा विनय की स्थानांतरण को भी नहीं भूली है यदा-कदा विनय के यदा कदा फोन आये भी तो, अपने मेहमानों के लिए, इस … Read More
भाग (75) चार दिन रह कर रमन वापस चला गया और अगली तारीख निश्चित कर गया कि जब आयेगा तब शादी कोर्ट में ही होगी, रमन नहीं चाहता की शादी … Read More
भाग (74) डोवर लेन फेस्टिवल कि बहुत धूमधाम रही, बहुत व्यस्तता रही, जब कलाकारों की प्रस्तुति हो जाती तब वह कलकत्ता घूमना चाहता और जिनके प्रोग्राम रह गए हैं वह … Read More
भाग (73) राखी लौट आई, साथ रमन भी है, रमन अब राखी को अकेला छोड़ने के पक्ष में नहीं लग रहा है, तीनों सखियों की राखी से आमने सामने बात … Read More
भाग (72) पेलेस पहुँचने के बाद लगातार कुलवीर सोचती रही की अनुमान ही लगाया है अभी तक, ऐसा न हो कि बिजी भी यह कहे कि जब तक हर्षा आगे … Read More
भाग (71) कुलवीर बहुत समय से सोच रही थी कि विनय के बारे में बिजी से बात करें उन्हें कैसा लगता है विनय। उसे तो शुरु से ही विनय अच्छा … Read More
भाग (70) खूब सारी हिदायतों के साथ राखी को भेजा था और वह आठ दिन बाद वापस आयेगी, चार दिन का कहकर गई थी, यह दिन चिंता में ही बीते, … Read More
भाग (70) “सर आप भी…” आगे क्या कहे हर्षा सोचती रह गई। “ठीक है, आप परेशान न हो, मैं समझ रहा हूँ, ऐसा करते हैं रविवार को सुबह जल्दी निकल … Read More