आसमान बुनती औरतें
भाग (108) शाम तक इंतजार करना मुश्किल हो रहा है फिर भी इंतजार तो करना ही था रानी टाइम से पहले आ गई, स्नेहा को टाइम लगा अब चारों काउंटर … Read More
भाग (108) शाम तक इंतजार करना मुश्किल हो रहा है फिर भी इंतजार तो करना ही था रानी टाइम से पहले आ गई, स्नेहा को टाइम लगा अब चारों काउंटर … Read More
भाग (107) “राखी यह तो वही है नाम भी वही है और पता भी वही भेजा है रजिस्टर खोल के देखो तुम।”…जैसे ही फोन में मैसेज की घंटी बजी दोनों … Read More
भाग (106) किस रूम में आकर रुका है, नाम तो बताओ, मैं एक नजर देख कर आती हूँ ,अभी तो वहां पर वैसे भी सभी रूम ठीक करने वाले कर्मचारी … Read More
भाग (105) तय यह हुआ कि सभी सखियाँ सतर्क रहेंगी और खासकर राखी की जिम्मेदारी थी कि वह दीघा समुद्र तट पर जो भी उसका परिचित टैक्सीवाला जाता है उससे … Read More
भाग (104) “अरे रानी इसमें दुखी होने की क्या बात है और तुम इतना भावुक क्यों हो रही हो, जो होगा ठीक ही होगा, अगर बुरा हुआ तो सब मिलकर … Read More
भाग (103) “सोचना तो पड़ेगा एक बात बताओ रानी तुम्हें क्या कह कर आंटी ने यह फोटो दिया है।”… हर्षा ने पूछा। “मुझे आज सुबह ही यह फोटो दी है … Read More
भाग (102) “इन्हें क्या हुआ है इनसे तुम्हारा क्या लेना देना, यह फोटो कहीं तुम्हारे लिए कोई लड़के का प्रस्ताव तो नहीं है इसमें यह दो लड़के दिख रहे हैं।”… … Read More
भाग (101) तीनों का ध्यान उद्यान के मुख्य द्वार की ओर है रानी अपनी चिर-परिचित चाल में चली आ रही है उसके चेहरे पर कोई घबराहट, कोई बेचैनी नहीं है … Read More
भाग (100) “बहुत सही कह रही हो राखी, हम जितना समाज को समझने की और जानने की कोशिश करते हैं मुझे तो हर रिश्तें में उलझन ही उलझन नजर आती … Read More
भाग (99) शाम होते ही सभी अपने मिलने की जगह पर पहुँची, रानी अभी तक आई नहीं है अब तीनों एक दूसरे का मुँह देख रही है यह क्या बात … Read More