आसमान बुनती औरतें
भाग (48) “बहुत सही बात कह रही हो बहन जी, एक-एक घर ही तो सुधरता है तभी समाज बनता है आपके साथ, आपके पास रहकर मेरी सोच में बहुत अंतर … Read More
भाग (48) “बहुत सही बात कह रही हो बहन जी, एक-एक घर ही तो सुधरता है तभी समाज बनता है आपके साथ, आपके पास रहकर मेरी सोच में बहुत अंतर … Read More
भाग (47) “घर परिवार, चाचा तरफ सब ठीक है,”… हरदीप ने पूछा। “हां बहन जी, सब ठीक हैं बस जो बड़ी अपनी ताई जी है न उनकी तबीयत आजकल खराब … Read More
भाग (46) जसवीर मामा का आज सुबह-सुबह ही फोन आ गया है हरदीप ने परिवार का हालचाल पूछा, तो मामा ने भी खैरियत पूछी। “हर्षा से बात की क्या बहन … Read More
भाग (45) लेकिन हर्षा का दिल है कि मानता ही नहीं, जब देखो तब ही वह सब बातें याद करता रहता है जो विनय के साथ समय बिताया है उसका … Read More
भाग (44) “आप ठीक हैं, कोई परेशानी तो नहीं,”… रमन को यूं मौन देखकर राखी घबरा गई उसे लगा कहीं अचानक कोई परेशानी तो नहीं हो गई जो रमन लगातार … Read More
भाग (43) “इस समय तो आप बहुत बेहतर लग रहे हैं,”… राखी ने बात शुरू करने की गरज से कहा। “आप संतुष्ट हैं आपने हिदायत दी थी पिछले बार कि … Read More
भाग (42) रमन आने वाला है यह बात हर्षा ने रानी और स्नेहा को बता दिया है। दोनों सखियों ने हर्षा को हिदायत दे रखी है इस बार कोई चूक … Read More
भाग (41) हर्षा ने यह देखा कि विनय मैं कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया, अनावश्यक का फोन तो आता ही नहीं है, कुछ कहना होगा तभी फोन आयेगा, गम्भीर व्यक्तित्व … Read More
भाग (40) अगले हफ्ते रमन का आना निश्चित हो गया है और अब शादी के बाद राखी पूरी तरह से रमन से मिलने के लिए बेकरार है उसके साथ-साथ दोनों … Read More
भाग (39) स्नेहा बताती रहती है कि आज सामान्य बैठक हुई है, दोनों परिवारों में, जिसमें चावल और ट्रेफिल पत्तियों को भाई और भाभी के सर पर रख कर घर … Read More