आसमान बुनती औरतें

भाग (42)

रमन आने वाला है यह बात हर्षा ने रानी और स्नेहा को बता दिया है। दोनों सखियों ने हर्षा को हिदायत दे रखी है इस बार कोई चूक नहीं होनी चाहिए और रमन से तुम व्यक्तिगत रूप से बात करोगी भले ही राखी के विषय में बात न करो, जान पहचान जरूर कर लेना।

हर्षा ने रजिस्टर में एंट्री देखी कि रमन के नाम से कमरा बुक है, कल सुबह रमन को देखने की इच्छा हुई वह चाहती है कि इस बार रमण को खुद अटेंड करें।

शाम को राखी से बात हुई है उसने भी बताया कि रमन देर रात को पहुँच जाएगा, सुबह ऑफिस आ कर मुलाकात करेगी।

दूसरे दिन राखी निश्चित समय पर आई अपनी टूरिस्ट बस के पास खड़ी पर्यटकों को बैठाती गीनती करती जा रही है आज कितने लोग हैं, कितने महिनों बाद वह रमन को देख पायेगी सोचकर ही रोमांचित हो रही है बार बार वह होटल के मुख्य द्वार को देख रही है कुछ देर बाद ही रमन आता हुआ दिख गया हालांकि उसकी सुबह फोन पर बात हो गई है, राखी ने मना भी किया था कि टूरिस्ट बस में मत आइए, आप कहें तो वह छुट्टी ले लेगी, आराम से कहीं बैठ कर बात करेंगे लेकिन रमन ने कहा कि नहीं आज तो चलते हैं आपके साथ टूरिस्ट बस में।

राखी ने देखा कि इस बार स्वास्थ्य में बहुत सुधार है पहले से बहुत बेहतर रमन लग रहा है चीरपरिचित सी पोशाक पहने रमन अपनी राजसी चाल के साथ चला रहा है इस बार राखी का मन खुशी से उछलने लगा मन तो कर रहा था की दौड़ के जाकर रमन के गले लग जाए, उसे छूकर देखें उसके दर्द को एहसास करें, उसकी देखरेख करें, उसे प्यार करें लेकिन संकोच और लोगों की उपस्थिति ने उसे रोक लिया।

“गुड मॉर्निंग मिस,”…रमन ने अपना पहले वाला रवैया अख्तियार किया और जा कर टूरिस्ट बस में बैठ गया, राखी कुछ देर खड़ी रह गई, फिर बस में सवार होकर दिन भर के लिए निकल गई।

राखी अपने पर्यटकों को जिस भी पडाव पर वह पहुँच रही थी उसके पहले उसका विवरण देती जा रही थी, कनखियों से रमन को देखती भी जाती लेकिन रमन ने कभी भी उसको यह अहसास नहीं कराया कि वह उसे ही ताड़ रहा है, सामान्य, अन्य पर्यटकों की तरह बैठा रहा।

विक्टोरिया हाउस में जरूर वह अंदर नहीं गया, राखी ने भी विक्टोरिया हाउस कि जानकारी पर्यटकों को देने के लिए अपने असिस्टेंट को भेज दिया।

क्रमश:..

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