ग़ज़ल

मुरादों में शामिल खुदाई रखा कर,सदा दिल में अपने भलाई रखा कर। झड़ी ख्वाइशों की लगी ज़िंदगी में,बच कर कोई रहनुमाई रख कर । छला है बहुत ही ज़माने ने … Read More

ग़ज़ल

ग़ज़ल 122 122 122 122नदी को समंदर में जाना पड़ेगाहमें ज़ीस्त यूँ भी बिताना पड़ेगा । रहम करने वाले यक़ीनन बड़े हैंउन्हें अपना रहबर बनाना पड़ेगा। बुरा हाल होता यहां … Read More

प्रकृति है माहिर

कोयल की कूकप्रकृति की पंचम स्वर लहरीगूंज उठी अमलाई मेंलो ! शुरू हो गए गीत महोत्सव । कालचक्र की तरुणाई मेंऋतुराज कामनभावन रंग छाने लगाउपवन के ह्रदय तल मेंपुष्प खिलने … Read More