अगर तुम न होते
(भाग 15) जिया सुबह ऑफिस पहुँची तो पूरा मन बना कर आई है कि आज अपनी बात कहेगी, लेकिन सुबह के ग्यारह बज गए और अनुज ऑफिस में दिखाई ही … Read More
(भाग 15) जिया सुबह ऑफिस पहुँची तो पूरा मन बना कर आई है कि आज अपनी बात कहेगी, लेकिन सुबह के ग्यारह बज गए और अनुज ऑफिस में दिखाई ही … Read More
(भाग 14) जिया की आँखें भर आई अगस्त्य को गले लगा कर सिसक पड़ी, खुद नहीं समझ पा रही है उसकी आंखें क्यों भर आई है उसके अंदर जो उथल … Read More
(भाग 13) इतना बेहतरीन संग्राहलय देखने के बाद, उस पर अनुज का हाथों में हाथ ने जिया को शांत मन में आहट सुनाई दी, वह अपनी इन्हीं नटखट अहसास को … Read More
(भाग 12) “साहब जी, आपको कारों का शौक है तो हम सुधाकार म्यूजियम देख सकते हैं,”… “यहां की क्या खास बात है,”…जिया ने उत्सुकतावश पूछा। “यह संग्रहालय, सुधाकर साहब की … Read More
(भाग 11) “सर, ड्रायवर साहब से पूछते हैं,”…जिया ने समस्या का समाधान बुझाया। “हां यही सही है, क्या नाम है आपका ड्रायवर साहब,”… अनुज ने आगे झुककर गाड़ी चला रहे … Read More
(भाग 10) लगातार दो दिन तक तीनों प्रोजेक्ट पर बात होती रही और थोड़ी सी फेरबदल के बाद अनुज और जिया का प्रोजेक्ट फाइनल कर दिया गया इस प्रोजेक्ट को … Read More
(भाग 9 ) कॉन्फ्रेंस हॉल के सामने अनुज ने जिया की तरफ देखा, उसके चेहरे पर हल्की सी जिज्ञासा भरी हुई है जिसे चाह कर भी नहीं संभाल पा रही … Read More
(भाग 8) जिया आपने टेबल पर आई और उसने अपने अन्य विभाग के अधिकारियों से बात की, दोपहर तीन बजे की मीटिंग फाइनल कर ली, जिस विषय पर उसे चर्चा … Read More
( भाग 7) अनुज के केबिन के सामने जाकर जिया ने दरवाजे पर नाक किया। “आ जाइए,”… अंदर से अनुज का स्वर सुनाई दिया। जिया केबिन का दरवाजा धकेलते हुए … Read More
(भाग 6) मोबाइल की घंटी बजी, हिम्मत करके फोन उठाया नम्बर देखते ही चेहरे पर मुस्कान आ गई, फोन आन किया। नमस्कार सर,”…जिया संभल कर बोली फिर भी आवाज मैं … Read More