ग़ज़ल

बहर 1222,1222,122 स्वरों से हम ये बंदिश कर रहे हैं,हुनर अपने ही पॉलिश कर रहे हैं। ये बेआवाज सी चोटों से बचकर,लगायें दिल ये कोशिश कर रहे हैं। रहे मन … Read More

ग़ज़ल

गुजरेगा कठिन दौर जरा देर लगेगी,आएगी सुखद भोर जरा देर लगेगी। मुलजिम समझ के उसको गिरफ्तार किया है,खोजो खता का छोर जरा देर लगेगी। बिखरी हैं हर तरफ ही आपदाएँ … Read More

ग़ज़ल

बहर2122,1122,1122,22(112) याद तेरी आ के अक्सर ही सताती है मुझे,बह न जाए आँख से आँसू सुलाती है मुझे। तुझसे रहकर दूर हम दुनिया से जुड़ते भी नहीं,मेरी तन्हाई तो पल-पल … Read More

ग़ज़ल

बहर2122,1122,1122,22 अपने पहलू के ही गद्दार से डर लगता है,छेड़ता जख़्म उसी यार से डर लगता है। आज कुछ और है कुछ और था मगर कल वो,उस के बदले हुए … Read More

ग़ज़ल

बहर221,2121,1221,212 ज़ज़्बात ने ही कर दिया उत्पात क्या करें,करते हैं दोस्त दिल पे ही आघात क्या करें। रिश्तो की डोर रोज़ उलझती ही जा रही,बनते ही बिगड़ते रहे हालात क्या … Read More

ग़ज़ल

दिल का ज़ख्म हरा है अब तो,मेरा प्रिय सखा है अब तो। प्यार का किस्सा छुपा के रक्खा,सब पे ज़ाहिर हुआ है अब तो। हर इन्साँ में रब को देखिये,रूह … Read More