ग़ज़ल

हर पल नसीब का अजी शिकवा न कीजिए,जिंदा दिली से जीना है तो रोया न कीजिए। मौसम बाहर का है चमन में रहेंगे साथ,चुभते हैं ख़ार दिल मेरा तोड़ा न … Read More

ग़ज़ल

दर्द पाया है इस ज़माने से,बाज आये न दिल लगाने से। नींद आँखों को दी मेरे रब ने,आएँ सपने किसी बहाने से । देखते राह थे कभी मेरी,राह बदले हैं … Read More

ग़ज़ल

गमों के दौर अभी और बढ़ने वाले हैं,न मंजिले हैं नजर में न कुछ उजाले हैं। कहें भी क्या उसे डर रूठने से लगता है,कि उसने चेहरे कई अपने मुख … Read More

ग़ज़ल

उल्फत में तेरी बिकते चले गए,रहमत पे तेरी मिटते चले गए। साथ तेरा नजर न आया कभी,सर इबादत में तो झुकते चले गए। आफताब लगा, कभी महताब सा,मिजाज पर तेरे … Read More

ग़ज़ल

हर पल नसीब का अजी शिकवा न कीजिए,जिंदा दिली से जीना है तो रोया न कीजिए। मौसम बाहर का है चमन में रहेंगे साथ,चुभते हैं ख़ार दिल मेरा तोड़ा न … Read More

ग़ज़ल

इस कदर वह दिल दुखाते आजकल,प्यार कब सच्चा निभाते आजकल। कर रहे हैं इस कदर गुस्ताख़ियाँ,मुझको वो नीचा दिखाते आजतक। दिल्लगी दिल की लगी अब बन गई,तालियाँ ही सब बजाते … Read More

ग़ज़ल

प्यार हुआ है सोच के अच्छा लगता है,उनसे जन्मों का है रिश्ता लगता है। तोड़ी है खामोशी जब से यह हमने,ग़म से दामन सहज छुड़ाना लगता है। पीर उठी है … Read More

ग़ज़ल

आईना एक ख़ुद को दिखा तो चले,जन्म-जन्मों का रिश्ता निभा तो चले । सोचने क्या लगे हाथ थामो मेरा,क्यों ख़फा हो ख़ता कुछ पता तो चले। हमने बुन ली नई … Read More

ग़ज़ल

यूँ भी होता है कुछ भला करना,कुछ नहीं है तो बस दुआ करना। चाहतों का न दौर हो ना सही,पर अदावत की मत खता करना। खुद पे विश्वास बस रखो … Read More