उल्फत में तेरी बिकते चले गए,रहमत पे तेरी मिटते चले गए। साथ तेरा नजर न आया कभी,सर इबादत में तो झुकते चले गए। आफताब लगा, कभी महताब सा,मिजाज पर तेरे … Read More
इस कदर वह दिल दुखाते आजकल,प्यार कब सच्चा निभाते आजकल। कर रहे हैं इस कदर गुस्ताख़ियाँ,मुझको वो नीचा दिखाते आजतक। दिल्लगी दिल की लगी अब बन गई,तालियाँ ही सब बजाते … Read More
प्यार हुआ है सोच के अच्छा लगता है,उनसे जन्मों का है रिश्ता लगता है। तोड़ी है खामोशी जब से यह हमने,ग़म से दामन सहज छुड़ाना लगता है। पीर उठी है … Read More
आईना एक ख़ुद को दिखा तो चले,जन्म-जन्मों का रिश्ता निभा तो चले । सोचने क्या लगे हाथ थामो मेरा,क्यों ख़फा हो ख़ता कुछ पता तो चले। हमने बुन ली नई … Read More