ग़ज़ल
बिन तुम्हारे जहाँ भी जाती हूँ,साथ मुश्किल तमाम पाती हूँ। बर्फ पर्वत से अब नही आता,दर्द नदिया का सब सुनाती हूँ। आज जंगल उदास हैँ सारे,उसकी बर्बादियाँ बताती हूँ। नाव … Read More
स्वरों से हम ये बंदिश कर रहे हैं,हुनर अपने ही पॉलिश कर रहे हैं। ये बेआवाज सी चोटों से बचकर,लगायें दिल ये कोशिश कर रहे हैं। रहे मन में करम … Read More
सामना गर्दिशों का जरा तो करो,अपने रब से ख़ुदारा दुआ तो करो। अब उतारो भी चोला जरा झूठ का,बात सच हो अगर सामना तो करो। बाग़ की जो है रौनक … Read More