A sagar nirmohi/ ऐ सागर निर्मोही

vrindaa.in/wp-admin/post=कविता & action=edit ऐ सागर निर्मोही मैंने तुझसेअपने दिल की बातकही थीऔर कहा थाकिसी और से न कहनापर तुमनेदूसरे तट पर जाकरमेरे प्रीतम के चरणों मेंमेरे अंतरंग दर्द कीपीड़ा रख … Read More

इंचीटेप

मेरे पास ऐसाकोई इंचीटेप होताजिससे मैंदर्द की गहराईनाप लेतीशायदबर्दाश्त करने कीकुछ सीमा भीनिर्धारित हो जातीफिर दर्द के उठतेज्वाभाटा को मैंअपनी पतवार सेबह निकलने कीधार पर धकेल देतीकुछ तो दर्द काकसैला … Read More

गहरे पैठी मान्यताएँ

किशन ने जैसे ही कश्यप साहब के पैर छुए वे पीछे हट गए… “अरे यह क्या कर रहे हो” “अंकल, आशीर्वाद दीजिए मेरा सिलेक्शन एसआई के लिए हो गया है।”“अरे … Read More

यात्रावृत्तांत

तपस्वी रूद्रा नंद बाबा     हम बाबा बालक नाथ के दर्शन के बाद ऊना लौटे.. जाते वक्त मन बना लिया था कि लौटते में दर्शन करना ही है। अनुमान था … Read More

कमला

कमला कुछ ऐस घटा जिंदगी में कि सब अस्त-व्यस्त हो गया, सोचा था कि बड़ी सुगमता से बीत जाएगी ये जिंदगी, किंतु दुख तो जैसे घात लगाए बैठा था । … Read More

ग़ज़ल

1मुहब्बत का रोशन सितारा हुआ ,मिलन जो हमारा तुम्हारा हुआ . हमी ख्वाब में बात करते रहेन तेरी तरफ से इशारा हुआ . सहर-शाम चौखट तेरी थाम कर,कि रोया मेरा … Read More