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मुहब्बत का रोशन सितारा हुआ ,
मिलन जो हमारा तुम्हारा हुआ .
हमी ख्वाब में बात करते रहे
न तेरी तरफ से इशारा हुआ .
सहर-शाम चौखट तेरी थाम कर,
कि रोया मेरा दिल ये हारा हुआ.
उसे याद दिल से सभी कर रहे
सिपाही वतन को जो प्यारा हुआ .
उसी रात दुश्मन दगा कर गया ,
उसी दिन तो था भाईचारा हुआ
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