बर्दाश्त करते

जब जब आतेहमारे जख्म कुरेदा करतेवरना वह चोखट परदस्तक नहीं देतेसगल हो गया है जिसकामौके यूं छोड़ानहीं करतेइंसान की फितरतके यह पहलु अक्सर हीउभर आया करतेमौका बेमौकानहीं देखतेवह तो तंज … Read More

ग़ज़ल

अरमान छुपे दिल में हैं हम जान गए हैं,सब बात को अपनी तो यहाँ मान गए हैं। पिंजरा जो खुला पंछी उड़ा उड़ता गया,बेवजह कई जग से परेशान गए हैं। … Read More

ग़ज़ल

साथ हो तुम सब कहते हैं,आँख का धोखा कहते हैं। चलते चल मत मुड़ कर देख,यह तो बहता दरया कहते हैं। बने किरकिरी आँख की जो,उसको दुनिया कहते हैं। पहलू … Read More

ग़ज़ल

तेरी आँखों में जो पाक़ीज़गी है,उसी में तो हमारी जिंदगी है । कहर बरपा रही हैं वो निगाहें,मुकाबिल हैं कमर हमने कसी है। वो लम्हा फिर करीब आने लगा है,फिजा … Read More

ग़ज़ल

चलते थे कभी मिल के गई बात क्या करें,बदले हैं आज तो मगर हालात, क्या करें। जज्बात ने किया अजब उत्पात क्या करें,देने लगे हैं दोस्त भी आघात क्या करें। … Read More

ग़ज़ल

माना की बहुत प्यारे हो हमारे काम के,जी तोड़ मेहनत करते बिना आराम के। खाली थी कसमें तो तोहमत क्यों लगी,भरे बाजार खुबियां गिनाई इल्जाम के। खंगालते जज्बातों को जरा … Read More

ग़ज़ल

जज्बातों ने तो कर दिया उत्पात क्या करें,करते हैं दोस्त दिल पे ही आघात क्या करें। रिश्तो की डोर रोज़ उलझती ही जा रही,बनते ही बिगड़ते रहे हालात क्या करें। … Read More

ग़ज़ल

याद तेरी आ के अक्सर ही सताती है मुझे,बह न जाए आँख से आँसू सुलाती है मुझे। तुझसे रहकर दूर हम दुनिया से जुड़ते भी नहीं,मेरी तन्हाई ही तो पल … Read More

चलते रहे

घर में ऊँची-ऊँचीउड़ाने भरकरपंख लहुलुहानकर लिए हैंआशाओं के अनगिनतहौसलों के घौंसलेतमाम जगह बिखरे पड़ेउन्हें यूं रौंदा जाना देखकरदर्द से भर गये समंदरअब तो न हीअपना आसमानचुनने का शौक रहान ही … Read More

ग़ज़ल

रात भर रो-रो के सपने बो गई,सुबहदम जाने मैं कैसे सो गई। उठके जब पलकें लगी गिरने यूंही,बर्फ से अरमान जो थे धो गई। याद आती जा रही है एक-इक,चूक … Read More