जब जब आते
हमारे जख्म कुरेदा करते
वरना वह चोखट पर
दस्तक नहीं देते
सगल हो गया है जिसका
मौके यूं छोड़ा
नहीं करते
इंसान की फितरत
के यह पहलु अक्सर ही
उभर आया करते
मौका बेमौका
नहीं देखते
वह तो तंज कसने के
बहाने ढूंढ लिया करते
यही सगल है उनका
अक्सर दर्द के दल-दल में
उतारते नहीं थकते
हम भी कभी
सामने उनके
रोया नहीं करते।
©A
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