ग़ज़ल

कौम को लड़वा रहे हैं,चाहतें ठुकरा रहे हैं। अब हया बाकी कहाँ है,नाक ही कटवा रहे हैं बेवफा दुनिया का आलम,भय सभी अब खा रहे हैं । बेसबब कुछ लोग … Read More

शिक्षा

अच्छे खासे सरकारी डॉक्टर से शादी हुई थी लेकिन इतना कसाई निकला जितने औजार वह मरीजों पर चलाता होगा उससे कहीं ज्यादा वह अपनी बीवी पर चलाता है बिनी पहले … Read More

ग़ज़ल

प्यार भी हमको रूहानी चाहिए,अब ज़रा कीमत बढ़ानी चाहिए। खोलकर बैठे पिटारा याद का,उसमें कुछ यादें पुरानी चाहिए। हुस्न की बगिया महकती हो जहाँइक कली चुप से उठानी चाहिए। सुरमई … Read More

ग़ज़ल

सुर्मई आँख सजाने की जरूरत क्या थी,सोए ज़ज्बात जगाने की जरूरत क्या थी। देर तक बात चली आपकी उस महफिल में,पर वहाँ बाद उठाने की जरूरत क्या थी। हमने माना … Read More

ग़ज़ल

अपनी आँखें हो रही नम क्या करेंदिल में उम्मीद भी है कम क्या करें अब न आएँगे तेरे नजदीक हम,हौसले है आज वेदम क्या करें। बेरुखी की बात तो तुम … Read More

तेरा होना

पर्वत पिघलने लगेरितु चंचल होने लगीशीशे चटकने लगेसांसे रुकने लगीदिल पतंग हुएडोर तेरे हाथ लगीहवा थम गईउमंगे फिर भी उड़ने लगीमोम पत्थर हो गयेरात सुबह में बदलने लगीमौसम थिरकने लगेठंड … Read More

ढ़ह गया पहाड़

कात्यानी कॉलेज में अपनी पढ़ाई में तल्लीन थी उसी समय उसके घर वाले उसके लिए अच्छा घर वर देखने में मशगूल। माता-पिता तो चाहते ही हैं कि अच्छा खाता पीता … Read More

महिला की दशा क्या है और दिशा कहाँ ?

एक दिन महिला दिवस मनाना कितना सार्थक है यह महिलाओं को तय करना होगा। किसी भी परिपाटी को लेकर आने से पहले सम्पूर्ण बातों को गौर करना था एक दिन … Read More

ग़ज़ल

आज उनसे यक-ब-यक मिलना हुआ,ख्वाब बरसों का जो था सच्चा हुआ। जो भी किस्मत को यहाँ पर मानते,रास्ता उनको मिले जलता हुआ। आज बदबूदार उस बस्ती में भी,एक ओहदेदार का … Read More