कौम को लड़वा रहे हैं,
चाहतें ठुकरा रहे हैं।
अब हया बाकी कहाँ है,
नाक ही कटवा रहे हैं
बेवफा दुनिया का आलम,
भय सभी अब खा रहे हैं ।
बेसबब कुछ लोग यां अब,
अब नफरत फैला रहे हैं।
किस तरह मिलता सुकूं वो,
साजिशें करवा रहे हैं
प्यार अब बाँटो कोई तो,
ईश भी घबरा रहे हैं।
©A
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