जरा उठो तो सही

सोचते सोचते जाने कितना समय गुजर गया राजीव को, पूरे एक वर्ष तो यूँ ही घर की इस खिड़की पर प्रतिदिन बैठकर गुजर गये है, जिंदगी में कितना उतार-चढ़ाव आया, … Read More