सच का खौफ

खुसफाहमी की चाहतें पालती जवान हुईसपनों की एक पोटली बँधीप्रसाधनों से भर लीश्रृँगारदानी में रंग बिरंगीआभा समेटेहोठों बीच मुस्कान अटककर रह गईजरा सा आँचल क्या लहरायालाज ने परचंम फहरायाआगे पीछे, … Read More

इंचीटेप

मेरे पास ऐसाकोई इंचीटेप होताजिससे मैंदर्द की गहराई नाप लेतीशायदबर्दाश्त करने की भीकुछ सीमा भी निर्धारित हो जाती। फिर दर्द के उठते ज्वाभाटा को मैंअपनी पतवार से बह निकलने कीधार … Read More

प्रकृति है माहिर

कोयल की कूकप्रकृति की पंचम स्वर लहरीगूंज उठी अमलाई मेंलो ! शुरू हो गए गीत महोत्सव । कालचक्र की तरुणाई मेंऋतुराज कामनभावन रंग छाने लगाउपवन के ह्रदय तल मेंपुष्प खिलने … Read More

कुछ तो है मेरे पास

तुम्हें पता भी हैतुम्हारा कुछसामान मेरे पास हैवह चिलमन काउठना गिरनाशरारत से आँखें तरेरना,देख कर अनदेखा करनाआहट न आने परपलट कर देखनाइन सब के बीच जो पल थेवह हैं मेरे … Read More

नित घीस धोयें

चलो सखीदेखो तुम भीहवा के संग घुलते रंगउत्साह सेभरे झोलीचारों ओरबिखेरे उमंगढोल नगाड़ेगीत संगीत, चली आ रहीमस्तानों कीभीगी सराबोर टोली। बचा सको तोबचा लोशर्म हया की चोलीनित घीस धोयेंरंग भरी … Read More

झूमकर गाती होली

फागुन ने जबली अंगड़ाईघर आँगन महकेचहकेगलियाँ चौबारे। ताल तलैयाझांझ मंजीराहुरियारे गाते गीतपंगडंडी राह निहारे। आये मस्तानोंकी टोलीझूम झूमकर गाती होलीलहराती बरगद कीटेहनी निगोड़ी। करलव कर मौन हुए हैंसंध्या को सब … Read More

हरसिंगार

साजो-सामानचीख पुकारकितनी रौनकहै कोई तीज-त्यौहार?हरियाली मेंघुसती रेलभर दी मांग यही दरकार।पीली रोशनीआभास करातीहोटल में बैठा दिलदार।डूब ही जायेंमन करता हैरसभीनी ध्वनी लच्छेदार।उबड़-खाबड़ पथजीवन केरास्ते में हिचकोले खातीगूंजे पायल की झंकार।लम्बे … Read More

कुंदन

लेम्पपोस्ट की पीली रोशनी सड़क के चारों ओर फैली और उसमें छन कर मानो किसी पुराने खींची हुई फोटो हो जाने पर जो कलर पीला हो जाता है उस तरह … Read More