अगर तुम न होते

( भाग 7)

अनुज के केबिन के सामने जाकर जिया ने दरवाजे पर नाक किया।

“आ जाइए,”… अंदर से अनुज का स्वर सुनाई दिया।

जिया केबिन का दरवाजा धकेलते हुए अंदर आ गई, अनुज पहले जैसे ही फाइलों में व्यस्त है।

“सर, आपने मुझे बुलाया,”…कुछ देर यूं ही खड़े रहने के बाद जिया
ने पूछा।

“हां मिस जिया, प्लीज आप बैठे, दो मिनट का वक्त दे, मैं यह फाइल निपटा लेता हूँ फिर आपसे बात करता हूँ,”…

जिया चेयर खींच कर बैठ गई, नोटपैड, फाइल को उसने टेबल पर रखा और अनुज को देखने लगी।

अनुज के सुदर्शन व्यक्तित्व से वह पहले ही प्रभावित है लेकिन जब वह काम में व्यस्त रहता है तो उसे सुध बुध नहीं रहती कि उसके आसपास कौन है पांच मिनट बाद अनुज ने फाइल बंद की और जिया की तरफ मुखातिब हुआ।

“हां जिया, बताये अब कैसी तबीयत है आपकी,”… अनुज ने सीधे ही जिया को देखते हुए पूछ लिया।

“जी, अब ठीक हो गई हूं मैं,”… जिया ने आश्वासन देते हुए कहा।

“लेकिन आपके चेहरे से तो लग नहीं रहा है, चेहरे पर थकान नजर आ रही है, आप चाहें तो एक-दो दिन और आराम कर सकती हैं,”… अनुज ने जिया का उतरा चेहरा देखते हुए कहा।

“अभी मैं अच्छा महसूस कर रही हूँ थोड़ी कमजोरी है एक-दो दिन में चली जाएगी, काम में व्यस्त रहूंगी तो जल्दी ठीक हो जाऊंगी,”… जिया ने भी अपनी बात स्पष्ट रखें।

“चलिए यह तो अच्छी बात है अपने आप को जिस भी स्थिति में सहज महसूस करें वही करें, एक बात और बताना है, नए प्रोजेक्ट के लिए हैदराबाद में ही एक सेटअप लगाना होगा और वहां पर कुछ समय के लिए हमारे कुछ यहां के स्टाफ को भी शिफ्ट करना होगा एक मॉडल तैयार है जिसे हमें मेट्रो सिटी में उसी के तहत ऑफिसों को लॉन्च करना है इस लिए हमारी कुछ समय के लिए व्यस्तता बढ़ जाएगी और शायद हमें बार-बार हैदराबाद जाना भी पड़े।”…

“यह तो बहुत अच्छी बात है सर, अगर हमें यह मौका कंपनी दे रही है तो हमें इसे छोड़ना नहीं चाहिए और इसे सफल बनाने के लिए अपने स्टाफ के साथ हमें विचार विमर्श करना होगा, हो सकता है कुछ नये सुझाव उन लोगों से भी प्राप्त हो जाए, दूसरी कंपनियों के भी व्यापार के व्यवहार को देखना होगा उनके काम करने के तरीके से भी हम अपनी तरह से उपयोग कर सकते हैं और इन सब का मिलाजुला रूप बहुत ही अच्छा निकल कर आएगा।”… जिया ने भी अपने विचार रखे।

कंपनी की फाइनेंस स्थिति देखते हुए हमें अगर कोई भी नई सोच को लेकर आना है तो उसके सारे पहलुओं को बहुत बारीकी से जांचना होगा और बाजार की मांग और बाजार के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए हमें अच्छे रिजल्ट मिले और कम्पनी को नुकसान की संभावना भी कम रहे इस बात का ध्यान देना होगा।”…

“जी सर, इस विषय में हम लोगों को गहन अध्ययन ही करना होगा तभी हम इसको मूर्त रूप दे पाएंगे और लगातार काम करते रहना होगा, हम इस काम को हाशिए में नहीं छोड़ सकते, अगर यह जिम्मेदारी दी गई है तो आज से ही इस पर काम करना चाहिए।”…

“हां जिया, हमने आज से ही और अभी से ही डिस्कस करना शुरू कर दिया है यह हमारा पहला चरण है जो मैं तुमसे बात कर रहा हूं और अब इसे अमल में लाने के लिए आपको स्टाफ के साथ सामंजस्य बैठाना होगा,”…

“जी सर, मैं इंजीनियरिंग सेक्शन से इस विषय में बात करती हूँ और साथ ही फाइनेंस विभाग के लोगों के साथ बैठकर इस पर आने वाले खर्च पर चर्चा करती हूँ एक-दो दिन में मैं आपको इसका रिजल्ट दे दूंगा,”… जिया ने बात को समेटते हुए कहा।

“मुझे पता है जिया, यह काम आप बखूबी कर लेंगी लेकिन इसमें जब भी आपको लगे कि मेरे साथ डिस्कस करना है आप किसी भी समय आ सकती है, लेकिन इसके पहले आप अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दीजिएगा,”… अनुज ने सहजता से अपनी बात रख दी।

“जी सर, बिल्कुल, मैं चलती हूँ और आपको दो दिन में इसकी प्राथमिक रिपोर्ट देती हूँ,”…

“ओके जिया, मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं,”…

क्रमश:..

अगर तुम न होते

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