आसमान बुनती औरतें
भाग (28) मेहमानों को ऑफिस ककि तरफ भेजकर हर्षा ने अपने केबिन में रात की आई इन्ट्रीओं को कंप्यूटर से चेक करने लगी। अज पूरा दिन ऑफिस काम ही है। … Read More
भाग (28) मेहमानों को ऑफिस ककि तरफ भेजकर हर्षा ने अपने केबिन में रात की आई इन्ट्रीओं को कंप्यूटर से चेक करने लगी। अज पूरा दिन ऑफिस काम ही है। … Read More
भाग (27) दूसरे दिन सभी अपने अपने काम पर कुलवीर भी बीजी के साथ पैलेस चली गई । हर्षा होटल पहुँचते से नए मेहमानों की पूरी रिपोर्ट ली और स्वयं … Read More
भाग (26) तीन कमरे और तीन स्त्रियाँ, अपने-अपने पंलग पर अपने-अपने संसार के पलों के साथ। हरदीप लगातार आठ दिनों से पूरी जिम्मेदारी उठा रही थी तो थोड़ी थकान से … Read More
भाग (25) हर्षा ने विनय के आने वाले मेहमानों के लिए निश्चित दिन कमरों को अपनी देख रेख में तैयार करवा दिया। मीनू भी ले लिया है कि उनका दस … Read More
भाग (24) हर्षा ने माथा छूकर देखा बुखार अपने जोर पर है तुरंत डॉक्टर के घर ले जाया गया, दवा लेकर घर लौटी तो नानी मां के माथे पर पट्टियाँ … Read More
भाग (24) हर्षा घर पहुँची तो देखा नानी उदास बैठी हैं। जस्सी मामा के आने से कम से कम घर में त्यौहार का सा माहौल बन गया था, लग रहा … Read More
भाग (23) “आपकी सोच ने तो हर्षा, मेरी सोच के कूंद पड़े दरवाजों को जबरदस्त ठोकर से खोल दिया है, ऑफिस में नए कर्मचारियों में लड़कियाँ, लड़के भी आए हैं … Read More
भाग (22) जस्सी मामा को कोलकाता के सभी दार्शनिक स्थान घुमाने की बात आई तो हर्षा ने होटल की टूरिस्ट बस में तीन सीट बुक करा दी । एक दिन … Read More
भाग (21) कुलवीर ने सोचा, हूं तो यह वजह थी बिजी की सुबह से खुश होने की..उम्र के इस पड़ाव पर भी अगर मायके का कोई भी संदेश आता है … Read More
भाग (20) हरदीप आज सुबह से ही खुश है पता नहीं इस मन और शरीर को क्या कहें, जब चाहता है अपने आप परेशान हो उठता है और जब चाहता … Read More