आसमान बुनती औरतें
भाग (98) “फिर तो गंभीर बात है कुछ तो ऐसा हुआ है जिसमें रानी हिल गई है चलो देखते हैं क्या हुआ है उसको बोल तो दिया था ना कि … Read More
भाग (98) “फिर तो गंभीर बात है कुछ तो ऐसा हुआ है जिसमें रानी हिल गई है चलो देखते हैं क्या हुआ है उसको बोल तो दिया था ना कि … Read More
भाग (97) हर्षा सुबह ऑफिस के लिए तैयार हो रही थी उसी समय रानी का फोन आ गया। “हलो हर्षा, आज तुम लोग शाम को जरूर मिल लेना बहुत जरूरी … Read More
भाग (96) हरदीप आज कल सुबह-सुबह ही पेलेस पहुँच जाती हैं क्योंकि शहर में अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला का आयोजन चल रहा है बहुत सारे अतिथि और साहित्यकार आये हुये हैं … Read More
भाग (95) हर्षा सुबह सोचती रही कि किस तरह वह घर पर बात छेड़े, यही सब सोचते-सोचते आफिस चली गई उसकी समझ में ही नहीं आया कि वह किस तरह … Read More
भाग (94) “हर्षा, आज लकी का फोन आया था उसके भी परिक्षा खत्म हो रही हैं वह अगले सोमवार तक आ जायेगा।”… कुलवीर ने बताया। “अरे यह तो खुशी की … Read More
भाग (93) शाम को हर्षा घर पहुँची तो थोड़ी देरी हो गई, तब तक नानी और मम्मी जी घर पर उसका इंतजार कर रही थी। “मम्मी जी, मैं अभी आ … Read More
भाग (92) दोपहर बाद विनय सर का फोन आया, हर्षा इस फोन का इंतजार भी कर रही थी और कहीं न कहीं अंदर से बच भी रही थी कि फोन … Read More
भाग (91) दूसरे दिन जब हर्षा ऑफिस आई, उसने गौर किया कि सब कुछ बदला-बदला सा है हालांकि ऊपरी तौर पर कुछ भी नहीं बदला लेकिन उसके अंदर इतना कुछ … Read More
भाग (90) “तुम दोनों भी बता दो तुम्हारे अंदर भी तो कुछ नहीं चल रहा है ऐसा कि तुम लोग भी देर कर दो।”… राखी ने रानी और स्नेहा की … Read More
भाग (89) “सुन तो लो, विनय सर का तबादला विशाखापट्टनम हो गया है और किसी भी नई जगह तीन साल तक तो आपको रहना ही पड़ता है तुझे पता है … Read More