आसमान बुनती औरतें

अंतिम भाग (162) विनय इतना कुछ कहने के बाद खामोश हो गया था कुछ राहत महसूस कर रहा है और हर्षा भी अपने ख्यालों में खोई हुई है। लेकिन दोनों … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (161) “आप क्या सोचने लगे सर ? इतनी गंभीरता, मेरी बात का बुरा लगा सॉरी सर, मैंने आपको इस अंदाज में कभी बात करते नहीं सुना इसलिए यह रिएक्शन … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (160) विनय हर्षा के चेहरे पर ढेर सारी खुशियों भरी मुस्कुराहट और हँसी कि आवाज को अपने अंदर समाहित करता रहा, उसने भी तो हर्षा को कभी इस तरह … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (157) “ज्यादा सोच समझ के चक्कर में अक्सर युवा चुंकि अनुभवहीन होता है और उसे यह जानकारी ही नहीं होती कि परिवार को कब और कैसे शुरू करना है … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (155) विनय अपनी ही उधेड़बुन में व्यस्त हैं हर्षा को इस रूप को देखकर वह आश्चर्य में है हर्षा बहुत खूबसूरत है, मन की सुंदरता पहले ही पहचान गया … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (154) सारा काम शाम सात बजे तक नीपट गया, रघुवीर के घरवाले रवाना हो गये, इन तीनों सखियों ने भी अपना सामान समेटा और रानी को ढेर सारी बधाइयाँ … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (153) “हर्षा,आप सभी पहुँच रहे हो रानी के घर, मेरी तरफ से हर्षा तुम्हें तो आना ही है।”…रघुवीर का फोन आया। “हम सभी आ रहे है, परेशान होने की … Read More