आसमान बुनती औरतें

भाग (87) “क्षमा करना प्यारों, रमन जी का ही फोन था अब मैं फ्री हूं चलो क्या क्या पूछना है बताओ मैं सब बताती हूं मुझे भी बताने कि उत्सुकता … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (86) सभी सखियाँ रविवार का इंतजार कर रही है निश्चित हुआ था कि आज सभी बिड़ला मंदिर में मिलेगी। राखी को ईश्वर पर ज्यादा विश्वास हो गया है और … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (84) तभी नानी ने घर में प्रवेश किया, दोनों को बैठा देखा तो चेहरे पर मुस्कान खिल गई, हर्षा नानी के हाथ से सामान लेकर अंदर रखने चली गई। … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (83) “मैं सोच रही हूँ कि ईश्वर ने स्त्री पुरुष में इतना भेद भाव क्यों किया, तमाम उम्र स्त्री इस बात से आहत होती है कि पुरुष संवेदनहीन होते … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (82) “यह बात तो ठीक है नौकरी अगर अच्छी होती है तो वहाँ मन लगाना ही पड़ता है हमारे पास कोई दूसरा विकल्प जो नहीं होता, और ठीक भी … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (81) “यह तो ठीक नहीं होगा, आपके इतने सालों की मेहनत बेकार चली जाएगी और तरक्की रुकने पर ओर कितने साल लगेंगे इस जगह को पाने में यह भी … Read More

आसमान बुनती औरतें

भाग (80) “लेकिन क्या… “आप कुछ समय बाद यही तबादला करा लीजिए।”… “लगभग तीन साल तो संभव ही नहीं है।”… विनय बोला। “ऐसा क्यों ? आप कोई नई पोस्टिंग पर … Read More