आसमान बुनती औरतें

भाग (102)

“इन्हें क्या हुआ है इनसे तुम्हारा क्या लेना देना, यह फोटो कहीं तुम्हारे लिए कोई लड़के का प्रस्ताव तो नहीं है इसमें यह दो लड़के दिख रहे हैं।”… राखी ने भी गौर से देखते हुए पूछा।

“फोटोग्राफ्स में तो सभी बहुत अच्छे लग रहे हैं लड़के तो सुदर्शन एक इनकी बेटी भी अच्छी लग रही है यह तुम्हारे रिश्ते के लिए बात आई है।”… हर्षा ने पूछा।

“हां इस परिवार से लड़की देखने का नहीं सीधे शादी का प्रस्ताव आया है पता नहीं उन्होंने मुझे कब देखा, कहाँ देखा मुझे खुद नहीं मालूम लेकिन यह सब घरवालों की सहमति से ही हुआ है क्योंकि कोई भी सीधे शादी की तारीख नहीं दे देता।”… रानी रुष्ट होते हुए बोली।

“अरे तो क्या हुआ ठीक है घर वालों ने तो देख लिया होगा तुम क्यों परेशान हो रही हो ?”…स्नेहा बोली।

“मैं परेशान इसलिए नहीं हूँ कि उन लोगों ने मुझे पसंद किया मैं परेशान इसलिए हूँ कि तुमने गौर नहीं किया फोटो में जरा नीचे देखो सब के पैर अच्छे दिख रहे हैं और यह जो बड़ा लड़का दिख रहा है उसका एक पैर मुझे गड़बड़ लग रहा है।”… रानी ने ध्यान से फोटो देखने के लिए इंगित किया।

“तुझे कहाँ से लग रहा है उसकी तो फुल पैंट है अनुमान लगा लिया मुझे तो ऐसा कुछ नहीं लग रहा।”… राखी फोटो को गौर से देखते हुए बोली।

“गौर से देखो, चेहरे के हाव-भाव भी तुम्हें ऐसे नहीं लगते जो एक सामान्य इंसान के नहीं होते हैं जिनमें कुछ कमी होती है उस तरह नहीं लग रहा है।”… रानी ने फिर से जोर देते हुए कहां।

अब तीनों बारी-बारी से फोटो को गौर से देखने लगी, हम जिस तरह का भाव रख कर फोटो देखते हैं हमें कुछ-कुछ कमी उसमें नजर आने लगती है अब तीनों के मन में शंका ने घर कर लिया, इसके समाधान की भी तैयारी करनी होगी।

“यह बताओ, यह फैमिली कहाँ की है और इनका कोई फोन नंबर है।”… राखी ने पूछा।

“यह है तो दीघा समुद्र तट के ही, शहर से लगा ही हुआ है लेकिन तुम्हें पता है कि दीघा में सारे अरबपतियों के बंगले होते हैं और इतना बड़े आदमी मेरे घर में मेरा हाथ मांगने आयेगा, यह बात तुम्हें ठीक लग रही है।”… संकित होते हुए कहां रानी ने ।

“बात में दम तो है लेकिन हो सकता है उनके कटु अनुभव रहे हो और वह चाहते हो कि एक सीधी-सादी रानी जैसी लड़की मिले जो मिलनसार हो उन्हें क्या मालूम कि यह तो शादी के नाम से ही भागती है ।”… स्नेहा ने अब चुटकी ली।

“मजाक मत करो, पहले इस बात पर गौर करो और क्या हम मदद कर सकते हैं इस पर सोचो।”… हर्षा ने गंभीर होने के लिए कहां।

“अच्छा इस परिवार का पूरा नाम बताओ अगर फोन नंबर उपलब्ध करा सकती हो तो बहुत अच्छा है वरना हम लोग दीघा समुद्र तट पर घूमने चल सकते हैं और वहाँ से इनके बारे में पूरी जानकारी भी इकट्ठी कर सकते हैं।”… राखी ने सुझाव दिया।

“हां ऐसा किया जा सकता है लेकिन उसके लिए कुछ चीजें पर्याप्त होनी चाहिए, लड़के का नाम, घर का पता मिल जाये तो बहुत अच्छा, फोन नंबर तो सोने में सुहागा हो जायेगा, हम आसपास के लोगों से बात तो कर ही लेंगे, पता भी लगा लेंगे लेकिन हमें दो तीन बार जाना होगा, एक बार में काम नहीं चलेगा।”… हर्षा ने सुझाया।

“यह बात ठीक है हर्षा, लेकिन यह बताओ कि कहीं लड़के में कोई शारीरिक कमी नहीं है, और अगर कहीं वह अपने बिगड़े बेटे को एक सीधी-सादी लड़की से बांधने की फिराक में है तो सम्हलकर सब कुछ देखना होगा, वरना रानी तो वैसे भी शादी के नाम से ही बिदकती है ऊपर से यह सब कांड सच निकला तो इसकी जिंदगी नरक हो जायेगी।”…राखी ने गम्भीरता से बात के दो पहलू रखे।

क्रमश:..

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