आसमान बुनती औरतें
भाग (71)
कुलवीर बहुत समय से सोच रही थी कि विनय के बारे में बिजी से बात करें उन्हें कैसा लगता है विनय। उसे तो शुरु से ही विनय अच्छा लग रहा है लेकिन जब उसने कल जाने की बात की तो हर्षा के चेहरे पर जो भाव उभरे उससे अनुमान लगा लिया कि हर्षा के दिल में विनय के लिए सम्मान है, मान है जो भी है पर कुछ तो है।
अभी तक जस्सी मामा ने भी उस लड़के को नहीं भेजा और न ही बिजी ने उसे यहाँ आने के लिए जवाब दिया है तो क्यों न बिजी से विनय के बारे में बात की जाए और उसकी छानबीन करें, परिवार की जानकारी ले, हो सकता है बिजी को पसंद आ जाए। कहीं और घर परिवार तलाश न करना पड़े। सबसे बड़ी बात तो हर्षा का देखा भाला है, विनय के ऑफिस में काम कर चुकी है उसके व्यवहार को अच्छे से जानती, समझती है, कुलवीर को हर्षा की नजरों में जुड़ाव सा भी महसूस हुआ है क्योंकि विनय ने जब विशाखापट्टनम जाने की खबर दी तो ऐसा लगा था कि हर्षा बेचैन है यह कुलवीर का भ्रम नहीं हो सकता, यह सच ही होगा, जहाँ कुलवीर विनय के विशाखापट्टनम जाने की खबर से खुश हो रही थी वही हर्षा ने अपनी उत्सुकता भी नहीं दर्शाई, नई जगह ट्रांसफर हुआ है, साथ ही पदोउन्नति हुईं है अच्छी खबर थी लेकिन हर्षा के चेहरे पर चिंता, परेशानी की रेखाएँ खींच आई थी हालांकि बहुत कोशिश कर रही थी छुपाने की लेकिन कुलवीर ने आखिर अपनी बेटी कि मनस्थिति को भाप ही लिया था।
दो दिन से कुलवीर इसी विषय पर सोच रही है। बिजी से बात करे क्या ? सवाल कुलवीर अपने से ही करती, फिर सोचती पहले अपने को तो विश्वास दिला ले कि यह बात कहाँ तक सही है, किस दिशा में हर्षा के बारे में सोच रही है, वह दिशा सही भी है या नहीं लेकिन किसी भी नजरिया से विनय उसे हर्षा के लायक ही लगा, क्यों फिर इधर-उधर दूसरे अनजान लड़कों को खोजें, यह जाना पहचाना है और विनय के व्यवहार से भी लगा हर्षा कि बहुत इज्जत करता है तो कहीं न कहीं दोनों एक दूसरे से या तो अभी तक अपनी बात नहीं कह पाए या एक दूसरे से छुपा रहे हैं कुछ तो ऐसा है जो दोनों के बीच पक रहा है, दोनों ही इसको अभी स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है हो सकता है हर्षा ने ही बात को आगे नहीं बढ़ने दिया हो क्योंकि उसे लगता है कि उस पर बिजी, कुलवीर और लकी की जिम्मेदारी है।
कुलवीर को लगा कि हर्षा से बात करने से पहले क्यों न बिजी से इस विषय में बात की जाए हो सकता है हर्षा ने अभी तक इस विषय पर विनय से कोई बात ही न की हो और यह भी हो सकता है हर्षा अपने को अभी तैयारी कर रही हो, उसके पूछने से उसे कहीं न कहीं यह न लगने लगे कि मम्मी जी को उसके दिल कि बात पता लग गई है, कहीं शर्मिंदगी न महसूस हो, इससे बेहतर है कि पहले बिजी से बात कर ली जाये, आज दोपहर में थोड़ा सा समय मिलेगा तभी बिजी से बात करती हूँ या फिर साथ मौल जायेंगे तब करेगी।
क्रमश:..