आसमान बुनती औरतें

भाग (70)

‌खूब सारी हिदायतों के साथ राखी को भेजा था और वह आठ दिन बाद वापस आयेगी, चार दिन का कहकर गई थी, यह दिन चिंता में ही बीते, लगातार तीनों सखियाँ राखी को मैसेज करती रही और उसे वापस आने का पूछती रही, किसी परेशानी में तो नहीं है इसका जिक्र भी करने को कहती लेकिन राखी ने कहा कि वह ठीक है, रमन को कुछ काम है इस वजह से वह मुझे छोड़ने नहीं आ पा रहा है।

राखी ने पहनने के लिए साड़ी ही रखी थी कोलकाता की साड़ी मशहूर है राखी साड़ी में बहुत खूबसूरत लगती है जबकि रमन के घर आधुनिकता का भंडार भरा है वह साड़ी जैसी चीज को पहनना सम्मान के खिलाफ माना जाता है, राखी वहां पर जाकर यही कर रही है, घर है कि तीन मंजिला होटल सबके अपने अलग-अलग कमरे, शेफ सबकी पसंद का खाना बनता है। राखी को लगने लगा कि अपनी सेवन स्टार होटल में ही आ गई है, कौन घर में आता है कौन चला जाता सबका अपना व्यक्तिगत जीवन, कोई किसी को परेशान नहीं करता, एक दूसरे से ज्यादा लगाव भी नहीं दिखा, हां जलन जरूर उसे दिखाई दी और किसका काम कहां बिगाड़ना है वह सब हरकतें जो कोलकाता के छोटी गलियों में, रोज कमाने खाने वालों के घरों में होती है वही चाल, वही मात का खेल चलता है, राखी बहुत आसानी से यह सब समझ और देख पाई।

राखी ने देखा कि रमन के घर में आठ लोग रहते हैं उन लोगों ने अपने आप को इतना होशियार समझ रखा है कि राखी जैसी कम उम्र की छोटी लड़की, साड़ी पहनने वाली पिछड़ी, उनकी चालाकियाँ और चाल को कैसे समझ पाएगी। राखी ने देखा भी और समझा भी कि रमन को सारी बातों का पता है इसके बाद भी वह नजरअंदाज करता है इसका मतलब है राखी को भी इन बातों को कुरेदना नहीं चाहिए।

डोवर लेन फेस्टिवल में वैसे भी रमन को कोलकाता आना ही है, राखी को पता चला कि हर वर्ष रमन जाता है संगीत से बहुत प्यार है, इसीलिए चार दिन बढ़ाकर फेस्टिवल के दो दिन पहले पहुँचना है, राखी ने भी मान ली यह बात उसके पास छुट्टियों तो है ही, घर पर भी सूचित कर दिया है।

इतना तो राखी समझ ही गई है कि यहाँ पर अपने काम से काम रखना होगा किसी के बीच में भी हस्तक्षेप करना ठीक नहीं है वरना खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने के लिए तैयार रहना, क्योंकि यहां पर चक्रव्यू रचे जाते हैं और उसमें फंसा के खुश होने का रिवाज सा ही लगा, राखी ने भी कमर कस ली अब देखगी कि किस तरह रमन और उसे परेशान करते हैं।

राखी के बताने पर हर्षा ने अपने होटल का रजिस्टर चेक किया तो रमन द्वारा साल भर की बुकिंग है, दुर्गा पूजा, बुक फेस्टिवल, और जाने कब कब, हर्षा ने देखा कि साल में छः बार रमन कोलकाता आता है।

राखी के वापस आने तक यहां ऐसा कुछ बदला नहीं लेकिन हां राखी से लगातार मेसेज ओर यदा-कदा बातें होने से रमन के घर कि स्थितियों परिस्थितियों की कुछ जानकारी पता चलती रही लेकिन बहुत कुछ राखी बता भी नहीं पाई, हल्का-फुल्का बताती क्योंकि ज्यादातर आस-पास रमन ही रहता, रमन राखी को अकेला नहीं छोड़ रहा है। आफिस जाना है तो, मिटिंग में तो साथ ही रखता, इतना ख्याल रखना राखी को भी बहुत अच्छा लग रहा है।

लेकिन इतना तो बता ही दिया था कि उस परिवार में बहुत सारे लोग रहते हैं रिश्तों की ऐसी खुदाई हो रही है कि बस पूछो मत, एक दूसरे को किस बात से मत देना है पूरा परिवार इसी बात पर लगा हुआ है बाहर से राखी ने तो यही महसूस किया और रमन इन सब के बीच बड़ा खुश रहता है पता नहीं कैसे, जबकि राखी महसूस कर चुकी है कि रमन को घर के सदस्य बिल्कुल पसंद नहीं करते, लेकिन रमन को कोई फर्क नहीं पड़ता।

क्रमश:..

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