आसमान बुनती औरतें
भाग (69) दोपहर के भोजन के बाद हर्षा जैसे ही अपने केबिन में पहुँची फोन की घंटी बजी। “हेलो, सेवन स्टार…” हर्षा ने अपना रटा रटाया वाक्य बोला। हर्ष विनय … Read More
भाग (69) दोपहर के भोजन के बाद हर्षा जैसे ही अपने केबिन में पहुँची फोन की घंटी बजी। “हेलो, सेवन स्टार…” हर्षा ने अपना रटा रटाया वाक्य बोला। हर्ष विनय … Read More
भाग (68) दोनों के पांच मिनट में ही संदेश आ गया, लिखा है.. “उसको कहो फौरन चली जाये, जब उसी के साथ रहना है तो उसका घर परिवार सब पहले … Read More
भाग (67) हर्षा इन दिनों काफी सोच विचार कर रही है वह अपने को अच्छी तरह से समझना चाहती है कि वह चाहती क्या है विनय से बात नहीं होती … Read More
भाग (66) हरदीप को आजकल ज्यादा भागदौड़ करनी पड़ रही है। डोवर लेन संगीत समारोह शुरू होने के पहले यहाँ का काफी भीड़भाड़ हो जाती है जिसमें शास्त्रीय संगीत प्रस्तुत … Read More
भाग (65) जैसा कि सोचा था शाम को सब इकट्ठे होंगे और राखी से सारी जानकारी लेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि राखी और रमन का प्रोग्राम पहले से ही … Read More
भाग (64) दूसरे दिन सभी सखियों को जल्दी थी कि किस तरह राखी से पूछा जाए कि कल क्या हुआ है और जल्दी से जल्दी तीनों सखियाँ अपने-अपने ऑफिस के … Read More
भाग (63) मौन छा गया, सारा संसार ही थम गया हो जैसे, कोई भी, कैसी भी आवाजें सुनाई नहीं दे रही बल्कि दिल की धड़कन इतनी तेज सुनाई दे रही … Read More
भाग (62) खाना समाप्त होते ही रमन मुद्दे की बात पर आना चाह रहा है, पशोपेश की स्थिति खत्म हो तो बाकी का बचा हुआ दिन इत्मीनान से बीते। “राखी … Read More
भाग (61) कुछ देर यूं ही बातें चलती रही, विनय ने गौर किया कि हर्षा असमंजस में है और कहीं न कहीं हर्षा को यह लग रहा है कि विनय … Read More
भाग (60) “हर्षा, तुम भूल गई तुम्हारे नाना जी का ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करते थे और यह सब जानकारी पापा जी हमें मौखिक ही दिया करते थे, फिर पढ़ने के … Read More