आसमान बुनती औरतें
भाग (154) सारा काम शाम सात बजे तक नीपट गया, रघुवीर के घरवाले रवाना हो गये, इन तीनों सखियों ने भी अपना सामान समेटा और रानी को ढेर सारी बधाइयाँ … Read More
भाग (154) सारा काम शाम सात बजे तक नीपट गया, रघुवीर के घरवाले रवाना हो गये, इन तीनों सखियों ने भी अपना सामान समेटा और रानी को ढेर सारी बधाइयाँ … Read More
भाग (153) “हर्षा,आप सभी पहुँच रहे हो रानी के घर, मेरी तरफ से हर्षा तुम्हें तो आना ही है।”…रघुवीर का फोन आया। “हम सभी आ रहे है, परेशान होने की … Read More
भाग (152) शनिवार की शाम को सभी ने निश्चित कर लिया था कि क्या पहनना है और कब पहुँचना है। रानी के घर भी पूरी तैयारी हो गई है, इतने … Read More
भाग (151) हरदीप मैं जब जस्सी मामा पहली बार आते थे उसी तरह का उत्साह नजर आ रहा है और अब तो दोगुना उत्साह बढ़ गया है क्योंकि उनके साथ … Read More
भाग (150) हर्षा अपनी सोच में मगन है उसे तो इतनी खुशी हो रही है कि उसका ध्यान अपने कपड़ों पर तो जा ही नहीं रहा, लेकिन जितना खुश हो … Read More
भाग (149) रात सभी की बेचैनी में बिती, तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे और किस तरह व्यवस्थित करना है इस पर चारों ही बेचैन है फिर रानी का … Read More
भाग (148) “ऐसा करते हैं कि रविवार को अपने प्रोग्राम स्थगित करो और स्नेहा के घर पहुँच जाना समय पर सभी, अपने-अपने पहनने कि पोशाक क्या पहनना है और कैसे … Read More
भाग (147) दिन में आज राखी बाहर से ही चली गई थी क्योंकि उसे देर हो गई और उसकी टूरिस्ट बस तैयार थी, हर्षा ने राखी, रानी को फोन करके … Read More
भाग (146) हर्षा ने ऑफिस के रास्ते से ही राखी को फोन कर दिया और रानी को भी कर दिया कि स्नेहा से बात करते रहना वह परेशान है। ऑफिस … Read More
भाग (145) हर्षा जैसे ही सुबह ऑफिस के लिए तैयार हो रही थी वैसे ही फोन की घंटी बजी, उसने देखा स्नेहा है, सुबह-सुबह क्या हुआ इसे सोचती हुई हर्षा … Read More