हायकु

रंग बदलबदली घुमड़तीतड़फे मछली। नाव बनकरमझधार में फंसेको निकाल लू। जीवन आंधीलावा बन बह लीदर्द छुपाती। घन बनायेजिये या सब मरेये घुसखोरी। जीत पहलेहौसला बुलंद होमंजिल मिले। ©A

हायकु

करनी होगीजरुरी भी तैयारीलंबा सफर। बेचैन शर्मपरेशान हृदयनिढ़ाल कर्म। चमचमाताहीरा से जड़ा हारगले से लगा। सोना प्यारामुसिबत का साथीयाद रखना। ऐ घुसखोरीधन तो बढाये हीमन घबराये। ©A

हायकु

किरण फूटीपहाड़ों पर उतरीधरती बिछी। यह पहेलीअनबुझ उलझीनहीं सुलझी। पेड़ों से छांवउतरने लगी हैघर लोटेगे। कलम उठालिखता है जीवनझरता मन। बदमिजाजबेअदब अक्कड़है स्वभाव। ©A

हायकु

करो भलाईपा जाओ सुकूनजन्म कुसुम। हारना नहींन रुकना बैठनाचलते रहो। गुजरी बातेंअफसोस न करोखुशी ही चुनों। जीत पहलेहौसला बुलंद होमंजिल मिले। खारा सागरनमक ही बनायेस्वाद चढ़े। ©A

हायकु

धरा श्रृंगारफूले हैं कचनारयुग से काल। द्वेश न भरझरने सा बहतानिर्मल मन । शोक में बैठीसोचती लगातारजन्म हजार। तैयारी जारीशीत युद्ध से यारीजागती नारी। संगीत परथीरकती जिंदगीताल से मिली । … Read More

हायकु

शब्दों में बैठहोठों से जा लगूंसुर बन जाऊं। तुम नांगफनीवह कोमलांगनीकैसा बंधन। रोना त्यागसमेट ले सपनेटूटते तारे। हां ठुकरायामनोबल गिरायाहाथ छुड़ाया। भलाई गुमत्रियाचरित्र फलांप्रपंच फूला। ©A

हायकु

सोना तपकेसुंदर गहना बनेश्रृंगार चढ़े। सदस्यता लीजिन्दगी भर कीकोरा भ्रम ही । बनती डोरप्रियतम के संगजीवन भर। दीप सा जलउजियारा फैलाऊंअंधकार हरु। सुगंघ बनपुष्प से निकलहवा में बहू। ©A

हायकु

दर्द न सहोचोट देने से बचोंखुशी को चुनों। हौसला साथथामना ही पड़ेगाजीत के लिए वेदना मार्गखुशियाँ टहलतीसमेटो मिलती। लाख तुफानफ्रिर्क मत करनामन पक्का। मन्नत मानपूरी तो होगी हीकर्म तो करों। … Read More

हायकु

फूल श्रृंगारप्रकृति सजे सदायुग और काल। जाग गई नारीशीत युद्ध तैयारीपड़ती भारी । जागे सपनेटूटता ऐ तारामांगते दुआ। चलते रहेपांव के छालेफूटने लगे। हमें ठुकरामनोबल गिरायाहाथ छुड़ाया। खांसी का दौरप्राण … Read More