ग़ज़ल

इज्जत से हमको घर में बुलाने का शुक्रिया,वादा किया जो उसको निभाने का शुक्रिया। पुरख़ार रास्तों ने बड़े ज़ख़्म दिए हैंराहों में मेरी फूल बिछाने का शुक्रिया। रहकर के दूर … Read More

आँसू झर लिए

जाग कर रात भरतारों को निहार लिएचोट के दर्द कोसहला भी लिएन जाने कितने हीलम्हों में युगों जी लिएयादों की झील मेंपन्ने दर पन्ने पलट लिएचंद पल में ही जीवन … Read More

ग़ज़ल

आदमी तो नेक था, सबने कहा अच्छा न था,हाँ बहुत खुद्दार था, हरगिज़ बशर झूठा न था। सब्र करते जान जाते आप कुछ मेरी तलब,कुछ मुलाकातों से मेरा भाग्य तो … Read More

अगर तुम न होते

(भाग 31) सभी लोग झील के किनारे-किनारे टहलते हुए उस पुरानी इमारत के पास पहुँच गए, यहाँ के किसी राजा ने इस झील के किनारे अपनी शाम का समय बिताने … Read More

अगर तुम न होते

(भाग 30) खूब सारी चर्चा होती रही, अगस्त्य अपने कॉलेज केम्पस की ऑफिस की ढेर सारी बातें बताता रहा, शगुन ने भी कॉलेज के दिलचस्प किस्से सुनाये, बहुत ही सामान्य … Read More