रिपोर्ट
“मां ! मुझे अब ससुराल मत भेजना वर्ना मेरी लाश ही वहाँ से निकलेगी,”..बेटी ने मां से याचना की।
” ऐसा नहीं कहते बेटा ! तेरे पापा बात करेंगे, तेरे ससुराल वालों से,”मां समझने के लहजे में बोली।
“मैं , कोई बात नहीं करने वाला, जब आती है उनकी बुराई ही करती रहती है , मैं जब भी इस के ससुराल वालों से बात करता हूँ , वह अपनी गलती नहीं मानते, उल्टे इसी की ढेरों कमियाँ गिना देते हैं, इसी में कमी होगी, अपनी लड़की को समझाओ,”.. पिता झल्लाते हुए बोले।
बेटी हताश हो गई, समझ गई, ससुराल जाना ही होगा। आठ दिन बाद खबर आई, लड़की खाना बनाते समय जल गई है ।
भागे-भागे मां-बाप लड़की के ससुराल गये, तब तक बेटी दम तोड़ चुकी थी।
ससुराल में मेरी बेटी को कष्ट था,उसे प्रताड़ित किया गया हैं,”..बाप ने रिपोर्ट लिखाई।
मां तड़प उठी, उसने रिपोर्ट लिखवाई।
“मेरी बेटी का पहला कातिल उसका बाप है,”..
©अंजना छलोत्रे
सुंदर प्रेरणा दायीं लघुकथा
धन्यवाद अभिमन्यु