तराशा हुनर
अपनी कच्ची उम्र की शादी को वह झूठला भी तो नहीं सकता था । उसके संस्कार माता-पिता के तिरस्कार के लिए तैयार नहीं, इसलिए वह विजया को अपने समकक्ष बनाना … Read More
अपनी कच्ची उम्र की शादी को वह झूठला भी तो नहीं सकता था । उसके संस्कार माता-पिता के तिरस्कार के लिए तैयार नहीं, इसलिए वह विजया को अपने समकक्ष बनाना … Read More
मुझमें न वैसीदृढता है और न हीवैसा संकल्पन ही मेरे में कुछकर गुजरने की क्षमतालेकिन फिर भी मैंबुद्ध बननाचाह रही हूँउनके जैसे तपस्वीवैसी हीईश्वर की आराधनाइधर चाहत बहुतबढ़ रही हैंलेकिन … Read More
दुजवर से ब्याही गई थी । कैसे-कैसे व्यंग्य वाणों को झेलना पड़ा था। अशोक की एक दो वर्षीय बेटी भी है। उसने ही सम्मोहन के तहत यह रिश्ता तय करने … Read More