लोककथा

गाने वाली मछली

एक समय की बात है, खूबसूरत राज्य उत्तराखंड में एक गरीब किसान रहता था। उसके पास एक छोटा सा खेत और कुछ जानवर थे, और वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत करता था। एक दिन, जब वह अपने खेत की देखभाल कर रहा था, तो उसे पास के जंगल से एक अजीब गाने जैसी आवाज़ सुनाई दी, जैसे बहुत सारी आवाज में कोई गा रहा है। वह डरा रहा था लेकिन जिज्ञासा भी थी कि देखा तो जाये आखिर यह है क्या इसलिए उसने जांच करने का फैसला किया।

वह जंगल में दूर तक गया और वहा एक छोटा सा तालाब मिला। तालाब सुंदर, चमकीली रंग-बिरंगी मछलियों से भरा हुआ था। किसान ने आश्चर्य से देखा तो उसने देखा कि मछलियाँ अपनी भाषा में गा रही है। किसान इस अजीब दृश्य से इतना मोहित हो गया कि उसने वहीं रुककर गाने वाली मछली को सुनने का फैसला किया। जैसे ही उसने गौर से सुना, तो उसने मछलियों का गाना समझ आने लगा वो उत्तराखंड राज्य के इतिहास के बारे में सुन्दरता का गुणगान करते हुए गा रही थी उन्होंने उत्तराखंड की संस्कृति, लोगों, इसके भूगोल और इसके रीति-रिवाजों के बारे में गाया।

किसान गीत से इतना प्रभावित हुआ वह वहीं बैठा सब सुनता रहा, सांझ ढले घर लौटा तो उसने अपने परिवार और दोस्तों के साथ बात साझा करने का फैसला किया। उसने उन्हें गाने वाली मछलियों और उनके द्वारा बताई गई कहानियों के बारे में सब कुछ बताया।

किसान का परिवार और दोस्त इस कहानी से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इसे पूरे राज्य में फैलाने का फैसला दिया। जल्द ही, गाने वाली मछली की कहानी पूरे उत्तराखंड में एक लोकप्रिय लोककथा बन गई। गाने वाली मछली की कहानी आज भी सुनाई जाती है।

यह उत्तराखंड राज्य और इसके लोगों की सुंदरता और समृद्धि की याद दिलाता है। यह राज्य की संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने और मनाने के महत्व की याद दिलाता है।

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