आसमान बुनती औरतें
भाग 10 हर्षा को मुम्बई से प्राइवेट कम्पनी के लिए इन्टरव्यू का काल लेटर आया है, वह पशोपेश में है कि जाये या नहीं, वह चाहती है कि उसे कलकत्ता … Read More
भाग 10 हर्षा को मुम्बई से प्राइवेट कम्पनी के लिए इन्टरव्यू का काल लेटर आया है, वह पशोपेश में है कि जाये या नहीं, वह चाहती है कि उसे कलकत्ता … Read More
भाग 9 ‘‘अरे मेडम आपकी तनख्वा,’’… मेनेजर ने एक सफेद लिफाफा कुलवीर की तरफ बढ़ाया कुलवीर को लिफाफे और खुद की दूरी में ऐसा लगा मानों सदियों लग गये हैं, … Read More
भाग 8 दिन महिनों में तबदिल होने लगे, अब हर्षा का मन इस काम से उचटने लगा, आगे बढ़ने और नया कुछ करने का कोई अवसर नहीं था यहाँ। उसने … Read More
भाग 7 हर्षा के इम्तहान खत्म हुए तो हर्षा ने नौकरी ढुढँना शुरू कर दिया, वह चाहती थी कि परीक्षा परिणाम का इन्तजार न किया जाये, तब तक जो भी … Read More
भाग 6 आज सुबह की शान्ति के साथ गुजारी ने चाय लाकर सामने रखी तो हरदीप ने उसे भी चाय पी लेने को कहा। “आज सुबह का नाश्ता नहीं बनना … Read More
भाग 5 जब वह अठारह वर्ष की थी तो स्कूल के दिनेश के साथ थोड़ा सा कुछ होना शुरू हुआ था कि इम्तहान सर पर आ गये और परीक्षा के … Read More
भाग 4 हर्षा को अपने पिता के घर के दिन याद है वहां कम से कम खाने-पीने, पहनने, ओढ़ने की कोई परेशानी नहीं थी सारा कष्ट मम्मी के हिस्से था। … Read More
भाग 3 यह बात कुलवीर ने पहले नहीं बताई, यदा-कदा कुछ कुलवीर ने कहना भी चाहा तो हरदीप ने बड़ें प्यार से उसे समझा दिया कि गृहस्थी में थोड़ा त्याग … Read More
भाग 2 फिर सुकून का आलम रहता है हरदीप के चेहरे पर, उसे लगता है कि गुरू नानक की सेवा ही कर रही है, लंगर न सही पर इंसान की … Read More
मौसम आज उमस भरा है हल्की-हल्की वर्षा हो रही है। सड़क पर रोज की तरह चहल पहल है, पर हरदीप को लग रह है कि आज सड़क पर रफ्तार उसके … Read More