तुम यही
तुम से बिछड़ेवर्षो में गीनों तोकई बरस बित गयेलेकिन इसपगले दिल नेकभी स्वीकार हीनहीं कियापल-पल के अहसासने मौजूदगीदर्ज कराई हैबात बात परबात कर लेनेकी आदत कहाभूलाई हैतुम्हारी सहमतिपर ही तोजीवन … Read More
जबसे बहू घर में आई है सास को लगने लगा है कि वह बड़े सम्राट की महारानी है और उनका एकाधिकार उनके किचन पर है उसमें बहू की दखलअंदाजी उन्हें … Read More
कुछ रिश्तों कोनिभाने मेंपरेशीनी नहीं होतीतो कुछ को निभानेसम्हालने सहेजने मेंतमाम उम्र घीस जातीतब भी वह रिश्तासहजता नहीं पातानिभाते रहने के फेर मेंओर रिश्तों की डोरढीली पड़तीतो तानों की गुंजजब … Read More