तुम यही

तुम से बिछड़ेवर्षो में गीनों तोकई बरस बित गयेलेकिन इसपगले दिल नेकभी स्वीकार हीनहीं कियापल-पल के अहसासने मौजूदगीदर्ज कराई हैबात बात परबात कर लेनेकी आदत कहाभूलाई हैतुम्हारी सहमतिपर ही तोजीवन … Read More

नारित्व का शंखनाद

जबसे बहू घर में आई है सास को लगने लगा है कि वह बड़े सम्राट की महारानी है और उनका एकाधिकार उनके किचन पर है उसमें बहू की दखलअंदाजी उन्हें … Read More

ओर कितना

दर्द का हाल न पूछदर दर भटकरलौट आता हैघायल दिल को छूनेपर फिर भी दर्द को कोईफर्क भी नहीं पड़ताआराम से दर्द भरेतहखाने में समा गयाक्योंकि कहीं न कहींएक ओर … Read More

ग़ज़ल

पिये जाने की रस्म जारी है,मैकदे में रात ही शब गुजारी है। बेवफा छोड़ के यूं चल जो दिए,टीस जख्मों की अभी तारी है। जुल्फ़ लहराई कल जो छज्जे पर,उसने … Read More

ग़ज़ल

मजा देते ये ख़ार के किस्से,छुपाए हमने प्यार के किस्से। हमें मिला है जो भी चाहा है,नहीं मालूम हार के किस्से। आरजू है बहुत सनम तेरी,जिंदगी हो बहार के किस्से। … Read More

कुछ तो है

कितना दंभ हैअपनेहोने का,पता भी हैयह सब कर्मों काखेल है साराजन्म के साथरिश्तों कीश्रृंखला मिलती हैमिलता तो बहुत कुछलेकिन कितनों कोअपनाते हैं औरकितनों से रिश्ता भीनहीं जोड़ पातेफिर भीप्यार की … Read More

ग़ज़ल

कह रहे हो ये प्यास सी क्या है,क़ाफिया है ग़ज़ल कही क्या है। इश्क करना है तो जनाब करें,शै ये इतनी भी अब बुरी क्या है। पड़ गए पाँव में … Read More

पहचान की पहल

कुछ रिश्तों कोनिभाने मेंपरेशीनी नहीं होतीतो कुछ को निभानेसम्हालने सहेजने मेंतमाम उम्र घीस जातीतब भी वह रिश्तासहजता नहीं पातानिभाते रहने के फेर मेंओर रिश्तों की डोरढीली पड़तीतो तानों की गुंजजब … Read More

ग़ज़ल

आज महफिल में तेरा जलवा रहा,और बहारों में ये दिल जलता रहा। तुमसे शिकवा गर करें तो किस तरह,आचरण अपना कहाँ अच्छा रहा। तेरी सूरत के लिए तरसा किए,ढोल बिरहा … Read More

ग़ज़ल

तेरे ख्वाबों मे डूब जाएँ हम,एक दुनिया नई बसायें हम। क्यों किसी जुल्म को सहेज हंसकर,आओ आवाज अब उठाएँ हम। ख़ुश्क फूलों से झांकती यादें,नोटबुक फिर पढ़ें-पढ़ाये हम। हो गई … Read More