आसमान बुनती औरतें

भाग (19)

रमन ने अपने ही परिवार में बेगानों की तरह जीवन गुजारा है हर एक के मुखोटे पर झूठ की चादर चढ़ी है मुँह के सामने चासनी से शब्दों की बौछार और पीठ पीछे गला काट हरकत, वह सब जानता समझता है फिर भी चुप रहता, क्या करें, परिवार का बड़ा होने की वजह से बिजनेस में उसका आधिपत्य है इसलिए भी सभी मुँह दिखाई बातें करते रहते हैं मतलब साधना उनका मकसद बन गया है।

राखी की आँखों में चाहत का तिनका वह देख चुका था लेकिन राखी की तरफ से कोई पहल न होने पर उसे लगा था कि यह आज के जमाने की लड़कियों की तरह नहीं है वरना उसके आगे पीछे आधुनिक दिखाने वाली मतलब परस्त लड़कियों की कमी नहीं रहती, जिनसे वह बचता फिरता है, जाने कहाँ कौन कब उसे उलझा दे ।

प्यार के जिस तपिश की उसे जरूरत है वह उसने राखी की नजरों में पाया हैं परखता रहा और देर हो गई बिमारी ने उसे ही जकड़ लिया हालाकि देर नहीं हुई है फिर भी बीमारी अपनी जगह बना ले तो मुश्किल तो हो ही जाती है।

सारी बातें जानने के बाद राखी को रमन से प्यार के साथ सहानुभूति का जज्बा उभर आया। जितने दिन रमन रहा वह राखी के साथ घूमता रहा, बिजनेस की वजह से रमन को जाना तो था चला गया लेकिन इस बार दोनों ने एक दूसरे का मोबाइल नंबर लिया । राखी ने दवाएँ वक्त पर लेने की हिदायत दी, तो रमन ने उसे अपना ख्याल रखने का कहा, विदाई दुखदाई होती है दोनों ने भर आई आँखों से बाय कहा ।

राखी को जहाँ रमन के मिलने की खुशी थी तो उतनी ही दुख की मात्रा भी साथ आ लगी, समझ ही नहीं पा रही थी कि उसे कैसा अनुभव हो रहा है।

दूसरे दिन हर्षा से शाम के वक्त मिलना हुआ।

“यह क्या हाल कर लिया क्या तबीयत खराब है राखी,”…हर्षा ने पूछा ।
“हर्षा, कुछ अच्छा सा नहीं लग रहा है,”… राखी बोली।

“क्यों, क्या हुआ, कोई बात हुई।”

“हां …नहीं …चल रविवार को मिलते हैं तब बात करते हैं उन दोनों को भी बता देना,”… कहती राखी घर के लिए चल दी।

हर्षा की ड्यूटी बदलती रहती है आज उसे आठ बजे जाना था इसलिए वह राखी के साथ नहीं निकल पाई उसे लगा राखी कुछ परेशान है हालांकि सभी आने-जाने वालों पर उसकी नजर रहती है लेकिन राखी ने अभी तक उन लोगों को उस शख्स का नाम नहीं बताया था जिसके लिए उसके दिल में कुछ भावनाएँ उठ रही हैं । हर्षा ने सर झटका …हो सकता हो कि उसकी तबीयत ठीक न हो, सोचकर वह अपने काम में लग गई आज रानी की आठ बजे के बाद भी सिफ्ट है स्नेहा पांच बजे ही चली जाती है।

क्रमश:..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *