पता है Know
घबराकर मूंदकर
आँखें बाहरी दृश्य
नहीं दिखते
लेकिन दिल
जो बिना देखें
सब देख रहा है
उसका क्या करोगे
जानते हो जब तुम्हें
जाना भी नहीं था
तब भी इस दिल ने
अहसास करा दिया
सारथी बन तमाम उम्र
साथ चलना है
यह जब दिल को
पता है तो तुम
कैसे अनजान
रह सकते हो
या फिर अनगिनत
अभिलाषा को बांध कर
सपनों में उतरी
परी की परीकल्पना
कसमें वादों की
तमाम फेहरिस्त
दिल को सुकून से
समझने दो
प्रर्याप्त समय बाद
कुछ समझ सकेगा
जब दिल काबू
से बाहर धड़केगा
तब तुम मेरे पास आना।
©A