पीले फूलों वाली

ऐ पीले फूलों वाली
तेरे बदन पर छाए
हरियाली की डाली
तू मतवाली, छैल छबीली
बलखाती लहराती
आती जाती फिर आज
सवर के कहाँ चली
मस्त पवन में डोल रही है
आँचल को यूँ सहलाती
कुछ तो कह दे
या फिर इन फूलों की
पैजनियाँ बांध
अमलतास की छाव तले
अपना रूप निखार रही
अरे तू वही तो है
जो हमारे पैरों के नीचे
रहकर हमेशा दबी रही
आज इन फूलों ने तेरे
रूप को दिया सवार
तभी मस्त मलन्द हो,
खुले गगन में
सघन वन में
डगर-डगर बिछी
संग प्रित संग
लहरा रही आँचल अपार
हे सखी मतवाली,
तुम्ही मेरी हमदम
तुम्ही मेरा जीवन..।

,©A

तेरे इंतज़ार में Waiting for you

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