मुझमें आकाश
नीले रंग का आकाश
विशाल विस्तार लिये
जिस पर सूती सफेद बादल छाए हुए
चित्रकला के लिए
एक सुंदर कैनवास।
सूरज सुनहरी किरण ले चमक रहा
किरणें नीचे झील से परावर्तित हो रही
जैसे की आकाश का ही हिस्सा
मनभावन प्रकृति का किस्सा
आगे बढ़कर बादलों को छू लूँ
आकाश की विशालता
तुलना में बहुत छोटी और महत्वहीन,
फिर भी जुड़ी हुई तो हूँ ही
सारे काम तुम पर छोड़कर पूरे होते।
आकाश के साथ एक विशेष बंधन
जैसे कि मैं समझ सकती हूँ
कोई और नहीं समझ सकता
अपार शक्ति को महसूस कर रही हूँ
तभी यह ऊपर विराजमान और मैं नीचे हूँ ।
आकाश प्रेरणा और शांति का स्रोत
घर ही है तभी सदैव जुड़े रहे
ऐसा लगाता है जैसे वहाँ
हमेशा के लिए रह सकते हैं
जहाँ सप्तऋषि की पाठशाला है।
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