Kuchh karo कुछ करो

मंजिल काशिखर बिन्दूप्यार कादंभ तुमशायद चाहत मेंमिठास ज्यादाहो गईचुटकी भरझूठ की चासनीडालकररिश्ते कोकसैला बना दियाऔर उसकसैलेपन सेआज तकउबर नहीं पायेक्यों कर गए ऐसाफुर्सत मैं बैठकरकभी सोचनाअब क्याकभी किसी सेइस तरह … Read More

Vachnalay वाचनालय

चंचलता को बांधायोवन डोर नेआ लगी जब द्वार परउड़ गए अल्हडपनके काफिलेचारू चितवनशरारत करने लगीस्वप्न स्नेहिल हुएशरणार्थी बन बस गएमुखरित मधुरवार्तालाप के ढेरोंवाचनालय खुलने लगेचिट्टियाँ मधुमास हुईकागजों के फूलखुशबू देने … Read More

Gajal ग़ज़ल

हमारे सामने कोई बड़ा मसला नहीं होता,तुम्हारा नाम होता है मगर तुमसा नहीं होताा। भले कितने भी तूफां आते जाते ही रहें अक्सर,जुड़ा दिल से हो रिश्ता प्यार का कच्चा … Read More

Maland मलन्द

नयनों से झरने लगेप्रीत के अनुबंधकोयल सी बोली हुईमीठी सी गुलकंदखूशबू फिजा में छा रहीहो गई मलन्दअधर चंपई खिल रहेगा रहे नित छंदकलियाँ चितवन खिलींनेह बरसे मकरंदसपनों में आते प्रियेतोड़ … Read More

Samay ki ya pet ki समय की या पेट की

पुत्तनुर रेलवे स्टेशन पर लगभग अठारह उन्नीस वर्ष का युवक फटे पुराने कपड़ों में घूम रहा था, एक हाथ में स्टील का कटोरा और एक हाथ में झाड़ू के कुछ … Read More