Gajal ग़ज़ल
ग़ज़ल हमारे साथ सरमाया हमारा,लगे, जैसे हो माँ जाया हमारा। टिकी हैं उस पे ही नजरें हमारी,कहाँ ये मन भी भरमाया हमारा। समझ रक्खो बहुत बदला है मौसम,वो गुजरा वक्त … Read More
ग़ज़ल हमारे साथ सरमाया हमारा,लगे, जैसे हो माँ जाया हमारा। टिकी हैं उस पे ही नजरें हमारी,कहाँ ये मन भी भरमाया हमारा। समझ रक्खो बहुत बदला है मौसम,वो गुजरा वक्त … Read More
वह यही है थक कर वह समुद्र के किनारे निकल आया, वही एक तरफ बच्चे रेत में खेल रहे हैं। गुब्बारे वाला, खोमचे वाला, झूले वाला सभी अपने-अपने काम में … Read More
ग़ज़ल दर्द पाया है इस ज़माने से,बाज़ आये न दिल लगाने से। नींद आँखों को इसलिए सौंपी,आएँ सपने किसी बहाने से । देखते राह थे कभी मेरी,राह बदले हैं अब … Read More
वीरावाली कुछ याद कुछ बिसुर रहीबिते दिन आते नहीं आजउन्हें ही पुकारती मैंहो गई हूँ अलबेलीरूठना तोअब छोड़ दियानाम तेरा जपतीफिरती हूँ गली-गलीइन्तजार मेंरंगत उड़ गईझरने लगे कचनारराह ताकती हूँ … Read More
अपने मकसद मैं कामयाब होती योद्घाएँ रामप्यारी गुर्जर की तरह ही मुजफ्फरनगर की कल्श्सान कुल की आशादेवी गुर्जर का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर( अब शामली … Read More
सुपुर्द-ए-खाक स्मृतियों ने आजकितना घेरा हैमन का बंद पिंजरामानो खोला हैफड़फड़ा रहे रिश्तेउस मधुरता के हैजिसको अपनों ने ही तोजाने कितना तोड़ा हैविरह की आग मेंतपकर कैसे,कितनी बारहुए कुंदन हैजाना … Read More
ग़ज़ल जब मुहब्बत में वफ़ा होती है ,वो अनोखी ही अदा होती है । देखना है कि हुआ क्या आखिर ,बात की तह में कज़ा होती है । राह में … Read More
सुनहरे सपनों का सफर “उस दिन तुमने कहा था कि किसी का किसी पर बस नहीं चलता, वक्त सब कुछ करवाता है, सुलोचना, सच कहा था, मैंने जो चाहा, नहीं … Read More
सीना फाड़ शहर के बीच में टांगने वाली..रुदाबाई 15 वीं शताब्दी ईसवीं सन् 1460-1498 पाटन राज्य गुजरात से कर्णावती (वर्तमान अहमदाबाद) के राजा थे राणा वीर सिंह वाघेला, यह वाघेला … Read More
माहिर कोयल की पंचम स्वर लहरीगूंज उठी अमलाई मेंगीत महोत्सव शुरू हो गएजीवन की तरुणाई मेंऋतुराज छाने लगाउपवन के ह्रदय तल मेंपुष्प खिलने लगे सुगंधितभंवरे गीत सुनाने मेंसंगम चाहे नदियों … Read More