ग़ज़ल Gajal
तू साथ मेरे चला न होता,तो जिंदगी का भला न होता । तुम्हीं ने रुसवा किया है मुझको,ऐ काश तुमने छला न होता। जो साथ मिलता तुम्हारा हमदम,ये दर्द का … Read More
तू साथ मेरे चला न होता,तो जिंदगी का भला न होता । तुम्हीं ने रुसवा किया है मुझको,ऐ काश तुमने छला न होता। जो साथ मिलता तुम्हारा हमदम,ये दर्द का … Read More
(अन्तिम भाग 5) घर पहुँचकर देखा तो दरवाजे पर भारतीय साड़ी में लिपटी एक कमसीन महिला खड़ी है। उसने हाथ जोड़कर ‘नमस्ते’ किया। “यह इमा है,”…प्रदिप ने परिचय कराया। ‘‘अच्छा,’’… … Read More
(भाग 4) पूरा पत्र पढ़कर वह समझ गई कि इसके पहले भी कई पत्र आ चुके हैं और विजेन्द्र ने किसी का भी जवाब नहीं दिया है, जब भी विजेन्द्र … Read More
(भाग 3) “क्या बात कर रहे हो होश में तो हो।”…यह बात मान्यता के जेहन से निकल चुकी थी अतः अचम्भे से बोली। “हाँ पूरे होशो-हवास में हूँ, और आज … Read More
(भाग 2) आज जब सुबह विरेन्द्र का फोन आया कि नाथद्वारा चलना है, मान्यता तैयार हो गई। अब अक्सर जब भी विजेन्द्र स्वयं कार ड्राइव कर कहीं जाता है तो … Read More
(भाग1) एक दिन मान्यता पार्क में अकेली बैठी दूर छोटे से तालाब की उठती गिरती लहरों को देखते किसी सोच में डूबी है। “क्या मैं आपसे आपका नाम जान सकता … Read More
वो किसे लड़वा रहे हैं,रिश्तों को बिखरा रहे हैं। अब हया बाकी कहाँ है,नाक ही कटवा रहे हैं। बेवफा दुनिया का आलम,भय सभी अब खा रहे हैं। बेसबब कुछ लोग … Read More
कुछ कह भी दोकुछ सुन भी लोकहने सुनने मेंकुछ वक्त लगा दोदो से चार,चार से छहबातें ही बातेंऔर करो बातेंखत्म न होने वालाअनवरत चलतामन में उल्लास कीफसल रोपतासुकून भररे दिनतो … Read More
मेरी हसरतें मेरे जैसी भली हैं,न ज्यादा हैं छोटी न ज्यादा बड़ी हैं। तेरा सामना किस तरह हो नजर को,बदल ली हैं मैंने ये गलियाँ भली हैं। मुझे याद करते … Read More
प्यास दे रही आवाजकैसे न लौटूअंदर की बेचैनी कोक्या न समझूँहर जगह सेखाली हो गईउसपर हूँ अकेलीक्यों इतनी दुखी हूँसागर से जो मिलीअब क्यों इतनीतड़प बचीक्या अन्दरनयी कड़ी जुड़ीयह चैन … Read More