क्या कर लूँ

इस छटा को कहाँरखू कहाँ बटोर लूँजेहन में सवार करयादों में टॉक लूँपर मैं दूर खड़ीइन्हें कैसे छू लूँसुहानी सी मदहोशीनैनों बीच कैद कर लूँआँखों की तृप्ती सेमन ही मन … Read More

बेमक़सद Intentionally

बेख्याली केचलतेसरक गयेनादानियों केशहर दर शहरजाने कितनेअनमोल पलचुक ही तो हुईसुनहरे सपनों कोपरवान चढ़ाजीत लेने केवह सारे दावेजाने कहां लुप्त होतमाम हौसलोंके कतर कर पंखनिरउद्देश्य करभटक रहेमरूस्थलके बिहड़ों मेंसांय सांय … Read More

ग़ज़ल Gajal

मेरे सांवरे की निशानी न पूछो,मेरी हसरतों की रवानी न पूछो। ये बाँधी हैं सीमाएँ इक दिन हमी ने,बंधी चाहतों की कहानी न पूछो। मैं आराधना सृष्टिकर्ता की करती,इबादत की … Read More

मरुस्थल में जलप्रवाह water flow in the desert

(भाग २) अमृता दीदी की पांच ननद हैं सभी कुंवारी, हंसी ठिठोली में नंबर वन, हर किसी को छेड़ना उनका इस शादी में तो मानो अधिकार है, अंदर के बड़े … Read More

मरुस्थल में जलप्रवाह water flow in the desert

(भाग 1) बहुत दिनों से सोच रही है कि समय मिलते ही रुचिका को फोन करेगी लेकिन घर गृहस्थी के काम में उलझी रह गई और बेटी की शादी सर … Read More