ग़ज़ल

यह जान लो दुनिया में हो महमान हमेशा,मालिक का रखो याद ये एहसान हमेशा । इस वक्त मुसीबत में हैं माना ये चलो हम,रखना है मगर होंठों पे मुस्कान हमेशा। … Read More

समझों तो

मौसम की अंगड़ाई सेहर पत्ता छलनी हुआजो अहम में खड़ेजड़ से उखाड़फेंकने के अलावाकोई चारा जो नहीं रहाफसलों की झूमतीबहार पर कहरबनकर टूटे होजानों तो कितनाकर आये नुकसान होइस तरह … Read More

ग़ज़ल

खेल तेरे भी तो निराले हैं,दिल है या प्यार के शिवाले हैं। तेरी यह वादियाँ नहीं भाईं,मैंने वीरान घर सम्हाले हैं। मौसमों ने बदल ही ली करवट,फूल शाखों पे टाँक … Read More

देखो जरा गौर से

(अन्तिम भाग 5) मम्मी आंटी की मदद कर रही हैं। महिला संगीत के दिन, गीतिका दीदी की सहेलियाँ, शोभित के दोस्तों, हम उम्र लड़कियों का जमघट लग गया, अब आई … Read More

देखो जरा गौर से

(भाग 4) शोभित तीसरे दिन वापस चला गया और उन लोगों की जिन्दगी पुनः पुराने रास्ते पर आ गई। मम्मी में बदलाव आ गया है। अब ज्यादा खुश रहने लगी … Read More

देखो जरा गौर से

(भाग 3) शोभित, के दोनों पेपर ठीक गये हैं। वह यूं पी एस सी का एग्जाम दे रहा है, नविता आंटी-अंकल का स्टेटस बड़े लोगों में गिना जाता है स्वयं … Read More

देखो जरा गौर से

“रिया, तुम मेरे लिए कोचिंग की व्यवस्था करवा सकती हो?”… यामी ने पूछा। “हाँ यामी, तुझे गाइड लाइन की आवश्यकता महसूस हो रही है तो हम केरियर अकेडमी में कुछ … Read More

दिल बसते

हम तुम कल हीजो साथ थेबहुत सुन्दरएक दूसरे को देखकृष्ण की मुद्रालेकर खडे़ तुमसमझने लगेराधिका हम तुम्हारीरंगमंच के पटल पररचते हैं अदभूत छविजहां होता है भक्तिमयहोने का सिलसिलारम जाते हैंव्यक्तित्व … Read More

ग़ज़ल

काफिला जिस तरफ चला होगा,एक बस्ती का रास्ता होगा। जिसको चाहा कभी था शिद्दत से,वो ही नफ़रत निबाहता होगा। इन दिनों वो नज़र नहीं आता,किन खयालों में खो गया होगा। … Read More