कालान्तर में हरदा और सीवनी-मालवा कि एतिहासिक पृष्ठ भूमि

अमरकंटक से हरदा तक क्षेत्ररक्षण के लिए माँ नर्मदा ने अकूत सम्पदा के भंडार दिये हैं तो वहीं अनेक आक्रमणों को भी झेलना पड़ा, यह क्षेत्र हमेशा हर युग में … Read More

ग़ज़ल

बहर2122,1212,22 आदमी बक़माल है साहब,राजनैतिक दलाल है साहब। हाल अपना कमाल है साहब,बेसबब ही बवाल है साहब। ठोकरे दर बदर की खाई हैं,चाल फिर भी कमाल है साहब। तुम दबाते … Read More

ग़ज़ल

बहर 221,1221,1221,122 चाहत जो ख़ता है तो सज़ा क्यों नहीं देते,खुद बढ़के हमें आप मिटा क्यों नहीं देते। दस्तूर ज़माने का है हँसते को रुलानामुस्कान किसी लब पे सजा क्यों … Read More

वृन्दा

बहर2122,1212,22 तेरी दुनिया में ये क्या-क्या देखा,या ख़ुदा यार बेवफ़ा देखा। वक्त की ठोकरें लगीं ऐसी,माँ की थपकी में हौसला देखा। जिनके हाथों छले गए थे हम,झूठ हर रोज़ इक … Read More

ग़ज़ल

बहर2122,1122,1122,22(112) याद तेरी आ के अक्सर ही सताती है मुझे,बह न जाए आँख से आँसू सुलाती है मुझे। तुझसे रहकर दूर हम दुनिया से जुड़ते भी नहीं,मेरी तन्हाई तो पल-पल … Read More

ग़ज़ल

बहर2122,2122,212 रात महफ़िल में तेरा जलवा रहा,दिल चरागों की तरह जलता रहा। तुमसे शिकवा गर करें तो किस तरह,आचरण अपना कहाँ अच्छा रहा। दीद के ख़ातिर तिरी तरसा किये,हिज़्र का … Read More

ग़ज़ल

बहर2122,1212,22 लुत्फ़ देते हैँ प्यार के किस्से,क्यों छुपायें क़रार के किस्से। जो मिला है नसीब में वो था,दर्द देते हैँ हार के किस्से। आरजू है यही ज़माने में,ज़ीस्त में हों … Read More

ग़ज़ल

बहर221,2121,1221,212 सम्मान के संग हमको मिटाने का शुक्रिया,वादा वफ़ा का यार भुलाने शुक्रिया। पुरख़ार रास्तों ने बड़े ज़ख़्म दिए हैं,राहों में मेरी ख़ार बिछाने का शुक्रिया। रहकर भी हमसे दूर … Read More

ग़ज़ल

बहर 2122,1122,22 आज़माने की फिज़ा है अब तो,सुर्ख दुनियां की हवा है अब तो। ज़ख्म जो तुमने लगाया था कभी,बाद भरने के दिखा है अब तो। प्यार में वो मुकाम … Read More